Today Breaking News

Ghazipur News: एक तरफा प्यार में पागल सिपाही ने महिला आरक्षी के पिता का किया अपहरण, गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. महिला आरक्षी के पिता अपहरण के आरोपित सिपाही दीपक वर्मा ने चार दिन पहले ही अपहरण की योजना बनाई थी, लेकिन सफल नहीं हो सका। उसने बैंककर्मी बनकर मेघश्याम सिंह को फोनकर धानापुर बुलाया था, लेकिन मेघश्याम सिंह के नहीं जाने से उसके मंसूबे पर पानी फिर गया था।

दीपक ने अपहरण की घटना को अंजाम देने के लिए करीब सप्ताह भर पहले ही छुट्टी ले लिया था। महिला आरक्षी के घर आने की सूचना के बाद दीपक ने अपहरण का प्लान बनाया था। उसका उद्देश्य था कि पिता का अपहरण करने पर महिला आरक्षी मान जाएगी। उसने चार दिन पहले बैंककर्मी बनकर मेघश्याम सिंह को फोन किया था और किसान सम्मान निधि आने वाले खाते में केवाईसी फार्म भरने के लिए उन्हें धानापुर के पास बुलाया था।

इसके लिए उसने तीन-चार बार फोन किया लेकिन मेघश्याम नहीं गए। दीपक की योजना थी कि केवाईसी फार्म भरने के नाम पर अगर मेघश्याम आते तो उन्हें उठा लेते। 

मेघश्याम ने नहीं किया विरोध, बार-बार आन किया मोबाइल

मेघश्याम सिंह को जब अपहृत कर लिया गया तो उन्होंने समझदारी से काम लिया और विरोध करना बंद कर दिया। उनका मोबाइल मांगकर दीपक बार-बार शोभित को फोनकर मोबाइल बंदकर उन्हें सौंप देता था तो मेघश्याम अपना मोबाइल आनकर साइलेंट कर लेते थे जिससे पुलिस को ट्रेस करने में मदद मिली। मेघश्याम सिंह के हाथ व शरीर पर चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि मुझे बोलरो से धक्का मारने के बाद पटरा से मारा गया और बोलेरो में बैठा लिया गया। बताया कि मैंने कोई विरोध नहीं किया और समझदारी से उनके हां में हां मिलाने लगा। बताया कि चश्मा ऐसा था कि सामने से नहीं लेकिन साइड से दिख रहा था, जिससे रास्ता मुझे पता चल रहा था। बदमाश हथियार से लैस थे। 

महिला आरक्षी रात में ही लौटी घर

ड्यूटी के लिए रवाना हुई महिला पिता के अपहरण का सूचना मिलते ही रात में ही घर आ गई थी। मेघश्याम के पुत्र शोभित ने बताया कि पिता आठ बजे सुबह तक घर नहीं पहुंचे थे तो मां का फोन आया और इसके बाद पत्नी ने मुझे फोन किया। करीब दस बजे तक पता नहीं चला तो मैंने अपने स्तर से पता करना शुरू किया लेकिन करीब साढ़े 12 बजे तक अपहरणकर्ता का फोन आया तो मैं अवाक रह गया।

संत कबीरनगर में तैनात महिला आरक्षी के पिता चंदौली निवासी मेघश्याम सिंह का अपहरण एकतरफा प्यार में पागल सिपाही ने किया था। आरोपित सिपाही दीपक वर्मा वाराणसी के जंसा थाना क्षेत्र के शंकर क पाही बसुहन का निवासी है जो संत कबीरनगर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सीसीटीएनएस में तैनात है। पुलिस ने आरोपित सिपाही समेत दो को गिरफ्तार कर मेघश्याम सिंह को सकुशल बरामद कर लिया और अपहरण में प्रयुक्त बोलेरो व अपहृत की बाइक भी बरामद कर ली है। हालांकि इस अपहरण में शामिल पांच आरोपित फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

रविवार को सैदपुर कोतवाली में पत्रकार वार्ता में अपहरण का पर्दाफाश करते हुए एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि चंदौली के धानापुर क्षेत्र के हिगुतरगढ़ गांव निवासी मेघश्याम सिंह की पुत्री संत कबीरनगर जिले के एक थाना में आरक्षी के पद पर तैनात है। दीपक वर्मा संत कबीरनगर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सीसीटीएनएस में तैनात है। उक्त महिला आरक्षी से दीपक को प्यार हो गया था। दोनों ने काफी दिनों तक बातचीत भी की लेकिन जब शादी की बात आई तो जातपात का मामला बीच में आ गया और महिला आरक्षी ने इन्कार कर दिया। 

दीपक महिला आरक्षी के प्यार में इस कदर लीन हो गया था कि उसने गलत-सही का भी संज्ञान नहीं लिया और किसी भी सूरत में महिला आरक्षी को पाने का मन बना लिया। चूंकि दोनों की पहले बातचीत होती थी इसलिए वह जानता था कि महिला आरक्षी किस ट्रेन से आती जाती है और कौन उसे छोड़ने जाता है, इसके बाद दीपक ने महिला आरक्षी के पिता के अपहरण की योजना बनाई। 

रामकरन सेतु पर बोलेरो से बाइक में मारा धक्का, फिर अपहरण

शनिवार की सुबह चार बजे ही बोलेरो में अपने साथियों के साथ वह हिगुतरगढ़ के पास पहुंच गया और महिला आरक्षी के निकलने का इंतजार करने लगा। मेघश्याम अपनी पुत्री को छोड़ने के लिए बाइक से निकले तो बोलेरो उनके पीछे लग गई, साथ ही एक बाइक पर सवार दो साथी भी रेकी में जुट गए। मेघश्याम सिंह औड़िहार जंक्शन पर पहुंचे और अपनी पुत्री को वहां छोड़कर बाइक से वापस जाने लगे। 

सैदपुर नगर से चंदौली को जोड़ने के लिए बने रामकरन सेतु पर सैदपुर से चंदौली की तरफ 100 मीटर आगे मेघश्याम बाइक से पहुंचे ही थे कि बोलेरो ने उन्हें धक्का मार दिया जिससे वह गिर पड़े। इसके बाद बोलेरो में सवार दीपक समेत तीन अन्य उसके साथी बाहर निकले और पटरा से मेघश्याम सिंह के हाथ पर मारकर घायल कर दिया और बोलेरो में बैठा लिया। बाइक पर सवार दो बदमाशों में से एक ने मेघश्याम की बाइक ले ली और चंदौली की तरफ निकल गए। 

बदमाशों ने अपहृत के आंखों पर लगा दिया था काला चश्मा

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बदमाशों ने मेघश्याम सिंह के आंखों पर काला चश्मा लगा दिया जिससे उन्हें रास्ता न दिखे, इसके बाद मारूफपुर, चहनियां, चौबेपुर होते हुए दीपक वाराणसी के बड़ागांव में लेकर चला गया। यहां एक घर में मेघश्याम को बंधक बना लिया। 

पुत्र को फोन कर मांगी फिरौती

इसके बाद दीपक ने मेघश्याम के मोबाइल से दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मेघश्याम के पुत्र मध्य प्रदेश के सतना में सीसी कैमरा सेल में तैनात उनके पुत्र शोभित को फोनकर बताया कि तुम्हारे पिता मेरे कब्जे में हैं, 25 लाख रुपये दो दिन के भीतर दे दो। इसके बाद शोभित ने घर के पुरुष सदस्यों को फोनकर यह बातें बताई और अपने यहां के साइबर प्रभारी से पिता के मोबाइल की अंतिम लोकेशन का पता किया और घर के लिए निकल गए।

इधर साढ़े तीन बजे स्थानीय पुलिस को मेघश्याम सिंह के अपहरण की सूचना मिली और अपहृत के चाचा राधेरमण सिंह ने तहरीर दी। पुलिस मुकदमा कायम कर मामले की छानबीन में जुट गई। एसपी सिटी गोपीनाथ सोनी, सीओ बलिराम प्रसाद, कोतवाल तेजबहादुर सिंह, क्राइम ब्रांच प्रभारी राजेश सिंह समेत पुलिस टीम पता लगाने में जुट गई। चार से पांच बार शोभित को किया फोन

दीपक ने शाम साढ़े छह से रात साढ़े नौ बजे के बीच चार से पांच बार शोभित को फोन किया और रुपये की व्यवस्था करने की बात कही। पुलिस ने मेघश्याम सिंह का मोबाइल ट्रेस कर पता लगा लिया। पुलिस के वहां पहुंचने की भनक लगते ही दीपक ने मेघश्याम सिंह को बोलेरो में बैठाकर कतवारूपुर की तरफ भेजा और स्वयं मेघश्याम की बाइक लेकर पहुंचा। 

कोतवाल तेजबहादुर सिंह व क्राइम ब्रांच की टीम ने कतवारूपुर तिराहा के पास से आरोपित सिपाही दीपक, बोलेरो चालक व मालिक जंसा थाना क्षेत्र के बसुहन चक गोराई गांव निवासी इकराम को गिरफ्तार किया। अपहृत मेघश्याम सिंह को अपहरण में प्रयुक्त बोलेरो व उनकी बाइक के साथ सकुशल बरामद किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दीपक ने रुपयों की मांग अपहृत के पुत्र से की थी। उन्होंने कहा कि मात्र आठ घंटे के भीतर मामले का खुलासा होना बड़ी कामयाबी है, पुलिस टीम को 25 हजार रुपये पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। भरोसा दिया कि अपहरण में कुल सात लोग शामिल थे, शेष पांच को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

'