गाजीपुर में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम; CMO ने कहा- सही समय पर हो इलाज तो बच सकती है जान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद के समस्त ब्लॉकों के चिकित्सा अधीक्षक, फार्मासिस्ट ,डाटा ऑपरेटर को रेबीज से बचाव के साथ ही टीकाकरण के तरीके आदि को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि यदि पीड़ित को कुत्ते और बंदरों के काटने के बाद 0,3,7,28 दिन पर इंजेक्शन इंट्रा डर्मल तरीके से लगाना होता है। यदि पीड़ित को रेबीज का इंजेक्शन सही समय पर लगा दिया जाए तो उसकी जान भी बचाई जा सकती है।
प्रशिक्षक डॉक्टर शाहबाज ने बताया कि कुत्तों व बंदरों के बढ़ते हमले और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए शासन ने नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया है। इसके लिए तैयार एप्लीकेशन में जिले से लेकर ब्लॉक मुख्यालय की जानकारी विस्तृत विवरण के साथ दर्ज होगी। इससे कुत्ते काटने की घटनाओं की वास्तविक जानकारी सामने आ सके। साथ ही इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। प्रोग्राम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक रेबीज से मृत्यु दर शून्य करना है। रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए स्वास्थ्य अमले को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कार्य योजना तैयार करने में जुटा विभाग
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थाओं में आने वाले रोगियों को भी रेबीज रोग की आवश्यक जानकारी नहीं रहती है। इसे देखते हुए शासन ने जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें निगरानी, मानव संसाधन की रेबीज के विषय में समुदाय में जागरूकता तथा अंतर विभागीय समन्वय की गतिविधियां संचालित की जा रही है।