गाजीपुर में अघोषित विद्युत कटौती और उमसभरी गर्मी से लोग बिलबिला उठे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में हो रही अनियमित बिजली कटौती से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में दिन की कटौती के अलावा रात को की जा रही अघोषित कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। कटौती को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
अप्रैल में ही पड़ रही भीषण गर्मी में बिजली कटौती ने लोगों की नींद उड़ा दी है। लोगों को न तो दिन और न ही रात में बिजली मिल रही है जबकि पिछले वर्ष ऐसी समस्या नहीं थी। इस वर्ष गर्मी बढ़ते ही बिजली के जर्जर पुराने तारों के टूटने, ट्रांसफार्मरों के जलने के बाद तय समय सीमा में न बदले जाने की समस्या आरंभ हो गई जो अब गंभीर रूप ले चुकी है। कोई दिन या रात ऐसा नहीं बीत रहा जिस दिन ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही हो।
बिजली कब आएगी और कब जाएगी, यह बताने वाला भी कोई नहीं है। वहीं कई स्थानों पर लटक रहे हाईटेंशन तार भी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं जिससे आपूर्ति बाधित हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी इन दिनों उन छात्रों को हो रही है जिनकी परीक्षाएं चल रही हैं। बिजली कटौती से छात्र ठीक से पढ़ नहीं पा रहे न ही रात को सो पा रहे हैं। जिसके कारण पेपर खराब होने की संभावना बनी रहती है। बिजली न रहने से उमसभरी गर्मी में लोग बिलबिला उठे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि अगर शीघ्र ही विद्युत आपूर्ति ठीक नहीं हुई व अघोषित विद्युत कटौती को बंद नहीं किया गया तो सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।
अंधाधुंध कटौती से उपभोक्ता बेहाल, तहसीलदार को सौंपा पत्रक
जमानियां में अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ प्राचीन रामलीला समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता ने गुरुवार को एसडीएम के नाम का पत्रक तहसीलदार को सौंपा। पत्रक के माध्यम से जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में सुचारु रूप से विद्युत आपूर्ति के लिए विभाग को निर्देशित किया है। बावजूद इसके विद्युत विभाग से बार बार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है, जो मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना है। अघोषित विद्युत कटौती से पूरे आमजन में आक्रोश व्याप्त है। ईद और अक्षय तृतीया त्योहार पर निर्बाध आपूर्ति की मांग की।
बिजली कटौती से मरीज परेशान
सादात में पिछले कई दिनों से बिजली कटौती से आमजनमानस बेहाल हैं। वहीं, कटौती के कारण शाम होते ही सीएचसी अंधेरे में डूब जाती है। इस अस्पताल पर प्रतिदिन सौ से डेढ़ सौ मरीज आते हैं। गर्मी में बिना बिजली के मरीजों का इलाज करनेवाले चिकित्सक व स्टाफ पसीने से तरबतर हो जाते हैं। चार साल पहले हैडओवर हुए इस सीएचसी में जेनरेटर की सुविधा नहीं रहने से रात को कौन कहे दिन में ही मरीजों को भर्ती व इलाज करने में काफी कठिनाइयां होती हैं।
कटौती से इस सीएचसी में उपलब्ध छोटे फ्रिज में रखीं हुईं दवा, केमिकल व विभिन्न इंजेक्शन सुरक्षित नहीं रहते। सीएचसी चिकित्साधिकारी डा. रमेश प्रसाद ने बताया कि बिजली कटौती से मरीजों के इलाज में भी परेशानी उठानी पड़ती है।