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Ghazipur Fire Brigade Station: गाजीपुर में अग्निशमन सेवा भगवान भरोसे, दमकल की 5 गाड़ियों को चलाने के लिए हैं 4 ड्राइवर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. Ghazipur Fire Brigade Station: आग लगने पर सबसे पहले किसी का नाम जुबान पर आता है तो वह है, फायर ब्रिगेड का। लेकिन जब गाजीपुर जिले का फायर स्टेशन (Ghazipur Fire Brigade Station) ही तमाम खामियों का शिकार हो जाए तो फिर ये आग बुझेगी कैसी। जी हां, यूपी अग्निशमन सेवा का गाजीपुर अग्निशमन केन्द्र (Ghazipur Fire Brigade Service Station) तमाम खामियों से लबरेज है। एक तरफ जहां संसाधनों की कमी है वहीं स्टाफ की भारी कमी का सामना करना पड रहा हे, ऐसे में गांवों में आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाडियां किसी तरह पहुंच भी जाती है तो भी मोर्चा ग्रामीणों को ही संभालना पड़ता है.

Ghazipur Fire Brigade Station

गाजीपुर फायर ब्रिगेड सर्विस स्टेशन (Ghazipur Fire Brigade Service Station) खामियों का दूसरा नाम बन चुका है। चालकों समेत भारी संख्या में फायरमैनों की कमी के बावजूद चन्द फायरकर्मियों की बदौलत चलाया जा रहा है यह फायर स्टेशन। विभाग के पास जिले में छोटी बड़ी अग्निशमन गाडियां तो है लेकिन 11 चालकों के सापेक्ष महज 4 ही तैनात है। इसके अलावा प्रधान अग्निशामक के 11 पदों के सापेक्ष मात्र 9 ही तैनात है, जबकि सीएसओ का पद लंबे समय से खाली चल रहा है। 

विभाग के पास जिले में दमकल की पांच बड़ी गाड़ियां तो हैं लेकिन ड्राइवरों के कमी उन्हें रफ्तार नहीं दे पाती। जनपद गाजीपुर में कुल 1268 ग्राम सभाएं हैं। इन ग्राम सभाओं में आग लगने पर आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग की स्थापना की गई है। लेकिन जनपद सात तहसीलों में से मात्र 3 तहसीलों में ही अग्निशमन विभाग के फायर स्टेशन हैं। वहीं अगर हम सैदपुर तहसील की बात करें तो सैदपुर में 2014 से फायर स्टेशन बन रहा है लेकिन अभी कंप्लीट नहीं हो पाया।

भारी खामियों के बीच गाजीपुर में अग्निशमन सेवा (Ghazipur Fire Brigade Service) जारी तो है किन्तु भगवान भरोसे। किसी ने शायद ये बहुत खूब ही कहा है कि शोले भडका के अपने आशियानों की ना सोचों, आखिर ये आग बुझेगी कैसे पहले ये तो सोचो।

 
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