Ghazipur News: राधेमोहन सिंह ने समाजवादी पार्टी के कई राज उजागर कर चौंकाया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार पर निशाना साधने के साथ ही पार्टी से अपनी राह अलग कर ली। वह किस पार्टी में जा रहे हैं अभी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है। एमएलसी चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है, दूसरी ओर जिले में सभी विधायक सपा और गठबंधन के होने की वजह से पार्टी में बगावत होना सपा के लिए पूर्वांचल में चुनौती और बढ़ गई है।
सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने अंसारी बंधुओं की वजह से सपा में अपराधीकरण होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से बुधवार को इस्तीफा दिया तो सियासी हलकों में पूर्वांचल में सपा में अंदरूनी नाराजगी सामने आ गई। उनका कहना था कि राजनीति से अपराधीकरण खत्म होना चाहिए, लेकिन यहां तो अपराधी के बेटे को टिकट देकर विधायक बनाया जा रहा है। अपराधियों का बोलबाला होने की वजह से ही इस बार सपा की सरकार नहीं बनी सकी है।
पूर्व सांसद ने कहा कि वह पिछले 33 वर्षों से पूरी निष्ठापूर्वक पार्टी से जुड़े हुए थे, लेकिन अफसोस है कि जिले में सपा को माफिया चला रहा है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर्दे के पीछे से सपा की राजनीति कर रहे हैं। उनकी पूरी दखलअंदाजी सपा में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का हुजूम लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने के लिए उमड़ा हुआ था। कई घंटे तक खड़े रहने के बावजूद कार्यकर्ताओं से अखिलेश की मुुलाकात नहीं हुई, लेकिन मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास के पहुंचते ही अंदर बुलाकर उनसे मुलाकात कर ली।
उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने सपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। अफजाल अंसारी ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी, तब भाई तेजबहादुर सिंह के निधन के कारण पूरा परिवार अस्पताल में था। ऐसे में 31 मतों से जबरदस्ती हरा दिया गया। आरोप लगाया कि अफजाल अंसारी ने सपा के खिलाफ जाकर भाजपा की सपना सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में पूरी मदद की थी। सपा हाईकमान की आंख भी 12 अप्रैल को एमएलसी चुनाव का परिणाम आने के बाद खुल जाएगी। पार्टी के नेता ही भितरघात कर रहे हैं। कहा कि सबसे अधिक एक हजार सदस्य बनाने का रिकार्ड उनके नाम रहा।
अपराधियों को जला देना चाहिए : राधेमोहन सिंह ने कहा कि चिंतन का विषय है कि सपा की सरकार क्यों नहीं बनीं। आरोप लगाया कि जेल में कांट्रेक्ट किलर मुन्ना बजरंगी की हत्या भले ही कानूनी रूप से गलत है, लेकिन समाज के लिए कलंक ऐसे अपराधियों को जिंदा जला देना चाहिए। कहा कि उसकी हत्या के बाद से ही अंसारी बंधु के प्रभाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी आवाज मुखर की। यहीं हाल अपराधी विकास दूबे के प्रकरण में भी अखिलेश यादव की बनी रही।