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एनपीसीआइ पर मैप कराने के बाद ही गेहूं बेच सकेंगे किसान - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. आपको अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचना है तो सबसे पहले अपने बैंक खाते की ई-केवाईसी कराएं, इसके बाद अपने बैंक मैनेजर से मिलकर अपने खाते को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) पर मैप कराएं। बिना इसके किसान सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं विक्रय नहीं कर सकेंगे। 

क्योंकि ई-पास मशीन पर उनका अंगूठा नहीं लगेगा। यह कहना था डिप्टी आरएमओ रतन कुमार शुक्ला का। वह मंगलवार को किसानों के सवालों का जवाब दे रहे थे। किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए इस बार कई नए नियमों से गुजरना पड़ेगा। किसानों को अपना आनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य है। 

इसके साथ ही यदि किसान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं तो वह अपने पंजीयन के समय अपने किसी संबंधी को अपना उत्तराधिकारी बना सकता है। उत्तराधिकारी पंजीकृत किसान का माता-पिता, पति-पत्नी, बेटा-बेटी, पुत्रबधू-दामाद व सगा भाई हो सकता है। इसके लिए उक्त रिश्तेदार का नाम-पता व आधार कार्ड नंबर भी आनलाइन पंजीयन के समय दर्ज कराना होगा।

सवाल : हमने गेहूं बेचने के लिए आनलाइन पंजीकरण करा लिया है। अब इसके आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

जवाब : आपका रकबा पांच हेक्टेयर से बड़ा है। आपका सत्यापन एडीएम के स्तर से होगा। एक सप्ताह में आनलाइन कराया होगा तो उनके पास चला गया होगा। सवाल : इस बार सेवराई में क्रय केंद्र खुलेगा कि नहीं?

सवाल : सेवराई में अभी क्रय केंद्र नहीं खुला है, लेकिन कोशिश हो रही है, शीघ्र खुल जाएगा। सवाल : हम लोग आनलाइन पंजीकरण कराते हैं, लेकिन सत्यापन कराने के लिए गाजीपुर जाना पड़ता है?

जवाब : अब सत्यापन के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। तहसील स्तर पर इसका सत्यापन हो रहा है। हम लोग इसके लिए लगे हुए हैं। सवाल : हमारे गांव देवल में क्रय केंद्र खुलेगा या नहीं? बहुत दूर जाना पड़ेगा गेहूं बेचने के लिए।

जवाब : देवल में क्रय केंद्र खोलने के लिए अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। फिलहाल कोशिश की जाएगी। सवाल : कोटेदारों के पास खाद्यान्न पहुंचाने की योजना कब शुरू होगी?

जवाब : इसकी प्रक्रिया चल रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले महीने से शुरू हो सकता है। सवाल : गेहूं बेचने के लिए आनलाइन पंजीकरण व सत्यापन की क्या प्रक्रिया है?

जवाब : आनलाइन पंजीकरण कराने के बाद जिसका रकबा 100 क्विटल तक होता है। उसका केवल नाम का सत्यापन होता है और जिसका 100 क्विटल से अधिक रकबा है, उसके रकबे का सत्यापन होता है। सवाल : चकबंदी होने के दो वर्ष बाद भी रेवन्यू कोड नहीं मिल पा रहा है, जिससे हम लोग सरकारी केंद्र पर धान-गेहूं नहीं बेच पाते हैं। इस समस्या का समाधान कैसे होगा?

जवाब : अगर लखनऊ से रेवन्यू कोड जारी हो गया है तो आगे की प्रक्रिया एसडीएम को करनी है। इस विषय में हम खुद एसडीएम से बात करेंगे। सवाल : पुरैना के किसानों के लिए गेहूं क्रय केंद्र कहां बना है?

जवाब : जहां कोटेदारों के खाद्यान्न की निकासी होती है, वहां क्रय केंद्र बनाया गया है।

सवाल : किसानों से तौल कराते समय जो पल्लेदारी ली जाती है वह वैध है या अवैध? दो वर्ष पूर्व यह समर्थन में जुड़कर आ जाता था पर अब नहीं आता है।

जवाब: यह पूरी तरह से वैध है, हां पहले यह एमएसपी के साथ जुड़कर मिलता था पर अब केवल एमएसपी का ही भुगतान होता है.

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