दाल, चावल से लेकर खाद्य तेल व चाय पत्ती तक हुई महंगी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. महंगाई से कोई वर्ग अछूता नहीं है। पिछले दो वर्षों के भीतर दाल, चावल, वनस्पति घी, तेल, चाय पत्ती, चीनी, दूध, देसी घी, सरसों तेल, साबुन सभी 10 से 30 प्रतिशत महंगे हो चुके हैं। आवश्यक घरेलू वस्तुओं में महंगाई के कारण रसोई का बजट बिगड़ गया है।
पिछले एक वर्ष में रसोई गैस की कीमतों ने भी घरेलू बजट को अच्छा खासा प्रभावित किया है। खाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि के कारण कम आय, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रही-सही कसर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस व सब्जियों की बढ़ी कीमतों ने पूरा कर दिया है।
आटा भी हुआ महंगा
व्यापारियों के मुताबिक गेहूं की आवक कम होने से रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया। धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। थोक बाजार में महंगाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है तो खुदरा में भाव और तेज है। मध्यम वर्गीय व निम्न वर्ग के परिवार भले ही कुछ कटौती कर लें, लेकिन आवश्यक जरूर की वस्तुओं में कटौती करना संभव नहीं है। दाल, खाद्य तेल, साबुन, चाय, चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं का कोई विकल्प नहीं दिखाई देता। इनका उपभोग तो करना ही पड़ रहा है। यही वजह है कि मासिक बजट बिगड़ रहा है।
कीमतों में बढ़ोतरी
अप्रैल
2020 2021 2022
आलू 18 32 20
टमाटर 20 30 40
प्याज 22 25 25
आटा 28 32 36
चावल 28 35 42
दाल 75 85 100
(भाव रुपये प्रति किग्रा)
ऐसे बढ़ी सामान की कीमतें
पहले अब
चीनी 38 रु. 42-44
चना दाल 75 रु. 80-90
बेसन 95 रु. 100-105
काबुली चना 100 रु. 120-130
तिल तेल 150 रु. 200-210
रिफाइंड 150 रु.प्रति ली. 170-180
जीरा 200रु. 280-320
देशी घी 520 रु. 550-590
नमक 22 रु.प्रति किग्रा 24
(कीमत रुपये प्रति किग्रा)