गाजीपुर में डाक सेवक के लिए सभी 26 आवेदकों की डिग्रियां फर्जी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. भारतीय डाक विभाग से ग्रामीण डाक सेवक के गाजीपुर जनपद में 68 रिक्तियों के लिए किए सभी 26 अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें से अधिकांश प्रमाण पत्र तमिलनाडु बोर्ड, झारखंड बोर्ड, बिहार बोर्ड व यूपी बोर्ड के हैं। सभी आवेदकों ने बोर्ड में पढ़ाई ही नहीं की है। पूरे प्रदेश में भी इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है।
डाक विभाग से वर्ष 2020-21 में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) की भर्ती निकली थी। इसके लिए जनपद में 68 पदों के सापेक्ष कुल 26 लोगों ने आवेदन किया था। विभाग ने आवेदन और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की। सभी प्रमाण पत्रों को संबंधित बोर्ड को जांच के लिए भेजा था। बोर्ड से जांच के बाद सभी प्रमाण पत्र की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, गाजीपुर में आए सभी 26 आवेदनों के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इसके बाद सभी के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। यह भर्ती मेरिट लिस्ट पर होनी थी।
यह स्थिति केवल गाजीपुर में ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी है। इन आवेदकों के पीछे एक बहुत बड़ा गैंग काम कर रहा है, जो मोटी रकम लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी दिलवा रहा है। इसमें कुछ जिलों में विभाग के अधिकारी भी मिले हुए हैं, जो आवेदकों से धन लेने के बाद बिना प्रमाण पत्रों की जांच के नियुक्ति दे देते हैं। बाद में जांच होने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
यह आवेदन प्रक्रिया आनलाइन थी : इस भर्ती में सभी राज्यों के व्यक्ति आवेदन कर सकते थे। इस भर्ती में कुल पदों की संख्या 3262 है। इसमें आवदेक की आयु 18-40 वर्ष होनी चाहिए। उसकी शैक्षणिक योग्यता हाईस्कूल होनी चाहिए।
यह है चयन प्रक्रिया
आवेदक के हाई स्कूल में प्राप्तांक नंबर के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। हाई स्कूल में सबसे अधिक नंबर पाने वाले को मेरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी दे दी जाएगी। इसमें कोई लिखित परीक्षा नहीं होनी थी।
वर्षवार भर्ती पद
साइकिल एक-2017- 108
साइकिल दो- 2019- 60
साइकिल तीन- 2020- 68
इन बोर्ड के मिले फर्जी सर्टिफिकेट
तमिलनाडु बोर्ड-17, झारखंड-तीन, बिहार-चार तथा यूपी बोर्ड के दो
26 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए
ग्रामीण डाक सहायक के लिए अभी तक 26 आनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें से सभी आवेदनों की जांच में पाया गया है कि सभी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी है, वहां के बोर्ड ने लिखकर दिया है इन बच्चों के मेरे यहां कोई नामांकन नहीं है।-दिनेश शाह, डाक अधीक्षक