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अफसरों पर CM योगी का एक्शन, सोनभद्र DM और गाजियाबाद SSP सस्पेंड

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में गुरुवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सोनभद्र के डीएम टीके शिबू और गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया। सोनभद्र के डीएम को खनन एवं निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और चुनाव के दौरान ठीक से काम न करने के कारण निलंबित किया गया है, जबकि गाजियाबाद के एसएसपी अपराध न रोक पाने और कर्तव्यों का पालन नहीं करने पर निलंबित हुए हैं। चंद्रविजय सिंह को सोनभद्र का नया डीएम बनाया गया है। अभी तक वे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक थे।

मुख्यमंत्री ने एक ही दिन में दो प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सख्त संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार और अपराधियों के खिलाफ ढिलाई कतई बर्दाश्त नहीं होगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल को टीके शिबू के मामले की जांच सौंपी गई है। शिबू को राजस्व परिषद लखनऊ से संबद्ध किया गया है।

दूसरी ओर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पवन कुमार को अपराध न रोक पाने और कर्तव्यों का पालन नहीं करने पर निलंबित किया गया है। उधर, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सोनभद्र के डीएम टीके शिबू के खिलाफ शासन को लगातार शिकायतें मिली थीं। उनके खिलाफ जनप्रतिनिधियों द्वारा सोनभद्र में खनन, जिला खनिज न्यास समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें की गईं। 

चुनाव के दौरान पोस्टल बैलट नहीं किए थे सील

टीके शिबू ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में गंभीर लापरवाही बरती। उनके द्वारा पोस्टल बैलेट पेपर सील न किए जाने से सर्वाजनिक स्थल पर दिखने पर यह राष्ट्रीय मीडिया में वायरल हुआ। इसके कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लिफाफों की सीलिंग गलत होने से विषम स्थिति बनी। 

विंध्याचल मंडल के मंडलायुक्त ने जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर पुन: सीलिंग कराकर मामले का निस्तारण किया। इतना ही नहीं, जनसामान्य और जनप्रतिनिधियों से टीके शिबू की दूरी लगातार बनी रही। शिकायतों के आधार पर इसकी जांच विंध्याचल के मंडलायुक्त को सौंपी गई थी। प्रारंभिक जांच में उन्हें दोषी पाया गया है। उनका कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली के खिलाफ पाया गया है इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलफ अनुशासनिक कार्रवाई का आरोपपत्र अलग से जारी किया जाएगा। अखिल भारतीय सेवा नियमावली के अनुसार टीके शिबू को निलंबन अवधि में आधा वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा अवकाश वेतन पर अनुमन्य महंगाई भत्ता दिया जाएगा। 

पहले कार्यकाल में ये आईएएस हुए थे निलंबित

जितेंद्र बहादुर सिंह: डीएम गोंडा थे। जून 2018 में निलंबित। सरकारी अनाज की बंटरबाट का आरोप। वर्ष 2005 बैच के आईएएस जितेंद्र बहादुर अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

कुमार प्रशांत : डीएम फतेहपुर। जून 2018 में निलंबित। सरकारी गेहूं खरीद में धांधली का आरोप। वर्ष 2010 बैच के आईएएस कुमार प्रशांत विशेष सचिव गृह के पद पर तैनात हैं।

देवेंद्र कुमार पांडेय: उन्नाव में डीएम थे। फरवरी 2020 में निलंबित हुए। वर्ष 2011 बैच के देवेंद्र कुमार पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप थे। 

अमरनाथ उपाध्याय : डीएम महराजगंज रहते निलंबित हुए। वर्ष 2011 बैच के अमरनाथ पर गौ संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप थे। वह सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज में तैनात हैं।

केदारनाथ सिंह: मई 2019 में निलंबित हुए थे। तब वे पर्यटन विभाग में विशेष सचिव थे। अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

शारदा सिंह: चकबंदी आयुक्त रहते उन्हें मार्च 2019 में निलंबित कर दिया गया था। अब वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

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