लाइसेंसी रिवाल्वर या बंदूकधारी ध्यान दें! कारतूस खरीदने के नियम बदले, जरूर पढ़ें ये यह खबर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. अगर आपके पास लाइसेंसी रिवाल्वर या बंदूक है और कारतूस लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें. कारतूस लेने के लिए नियम बदल गए हैं. बदले हुए नियमों के बाद अब आसानी से नए कारतूस नहीं मिल सकेंगे. असलहा धारकों को पूर्व में दिए गए एक-एक कारतूस का हिसाब देना होगा, तब कहीं जाकर नए कारतूस मिल सकेंगे. यानी हथियार से चलाई हर एक गोली का हिसाब असलहा धारकों को रखना होगा. नए नियम पूरे प्रदेश में लागू हो गए हैं. कारतूस के लिए एसडीएम और सीओ से अनुमति लेनी होगी.
सामान्य तौर पर लाइसेंस धारकों को कैटेगरी के अनुसार कारतूस रखने की इजाजत होती थी. एक बार में कम से कम 10 कारतूस और एक साल में 200 कारतूस तक खरीदे जा सकते थे. यह कारतूस सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त दुकानदार से ही खरीदे जा सकते थे. अभी तक यह व्यवस्था थी. शस्त्र धारक दुकानदार से निर्धारित कोटे के अनुसार कारतूस ले सकता था. ये कारतूस उसके लाइसेंस पर अंकित किए जाते हैं.
कोई भी शस्त्र धारक निर्धारित सीमा से ज्यादा कारतूस अपने लाइसेंस पर नहीं ले सकता था. इसकी जिम्मेदारी मान्यता प्राप्त शस्त्र विक्रेता की होती है. इन सब पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अब लाइसेंस धारकों को नए की कारतूस लेने के लिए पुराने कारतूस का हिसाब देना होगा कि कारतूस इस्तेमाल कहां और क्यों की गईं.
नए आदेश के अनुसार शस्त्र धारक को नए कारतूस लेने से पहले एसडीएम और संबंधित सीओ से अनुमति लेनी होगी. इतना ही नहीं, नए कारतूस लेने के लिए दुकानदार के पास 80 फीसदी कारतूस के खोखे भी जमा कराने होंगे. परमिशन के बाद ही दुकानदार नए कारतूस दे सकेगा.
वहीं, खिलाड़ियों को भी 90 फीसदी कारतूस के खोखे जमा कराने होंगे, उसके बाद ही नए कारतूस मिल सकेंगे. क्योंकि सबसे अधिक कारतूस खरीदने की इजाजत शूटिंग खिलाड़ियों को ही होती है. गाजियाबाद के डीएम आरके सिंह के अनुसार शस्त्र लाइसेंस धारकों द्वारा बेवजह फायरिंग को रोकने के लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका पालन कराया जाएगा.