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ईंट के साथ सरिया, गार्डर और सीमेंट के दाम में फिर हुआ इजाफा, घर बनाने का सपना हुआ महंगा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. कोयले की किल्लत से बहुत सामान के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसका असर बिल्डिंग मैटेरियल पर साफ दिख रहा है। सरिया, गार्डर व सीमेंट के दाम बढ़ गए हैं। लागत बढ़ने से 25 से 35 फीसद तक दाम बढ़े हैं। आने वाले समय में ईंट के दाम और भी बढ़ सकते हैं। 

निर्माण की लागत बढ़ने से अपने घर का सपना देखने वालों के लिए और मुसीबत खड़ी हो सकती है। कोयले के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। ईंट भट्ठे वालों को 10 से 11 हजार रुपये प्रति टन मिलने वाला कोयला 18 से 20 हजार रुपये में मिल रहा है। वहीं सरिया मिलों को भी कोयला महंगा मिल रहा है। इसका असर बिल्डिंग मैटेरियल के उत्पादन पर पड़ रहा है।

गार्डर व सरिया पर असर

कोयला महंगा होने से सरिया, एंगल, पत्ती, चादर व गार्डर के उत्पादन पर असर पड़ा है। पहले से महंगाई बढ़ गई है। टाटा, स्टील अथारिटी आफ इंडिया (सेल) जैसी ब्रांडेड कंपनियों के भी 20-25 फीसद तक दाम बढ़े हैं।

लागत बढ़ने से महंगा हुआ ईंट

कोयले से पकने वाली ईंटों की लागत बढ़ने से ईंटें महंगी हो गई हैं, क्योंकि कोयला महंगा हो गया है। ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि ईंट का रेट बढ़ाना मजबूरी है। इस समय ईंट के दाम प्रति हजार आठ हजार रुपये चल रहे हैं। यह दाम भट्ठा पर है। यहां से ले जाने पर प्रति हजार भाड़ा अलग से देना पड़ता है।

वस्तु            भाव तब    अब

गार्डर           80            85

सरिया          80            85

(भाव रुपये प्रति किलो।)

सीमेंट         400           450

(भाव रुपये प्रति 50 किलो)

क्या कहते हैं कारोबारी

ईंट भट्ठा कारोबारी गिरीश ने बताया कि कोयला पहले से काफी महंगा हो गया है। सरकार ने जीएसटी भी बढ़ा दी है। इसका असर भट्ठा चलाने पर पड़ रहा है। इसलिए में ईंट के दाम बढ़ाना मजबूरी हैं।

व्यापारी मायाशंकर ने बताया कि लागत बढ़ने से ब्रांडेड व अन्य कंपनियों के सरिया, गार्डर व अन्य लोहे के सामान के दाम बढ़े हैं। इसका असर थोक से लेकर फुटकर भाव पर पड़ रहा है।

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