यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगेगी आनलाइन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में नकल पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए एक कदम और बढ़ाया गया है। केंद्रों के परीक्षा कक्ष में शिक्षक व कार्मिकों की ड्यूटी अब आनलाइन लगाई जाएगी, इसमें जुगाड़ करके चयनित विद्यालय में शिक्षक कक्ष निरीक्षक नहीं बन सकेंगे। वेबसाइट पर सभी का डाटा लगभग तैयार हो गया है, जल्द ही उसे जारी किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में 8,373 माध्यमिक विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, वहां 51 लाख 92 हजार 689 परीक्षार्थियों को 24 मार्च से इम्तिहान देना है। बोर्ड ने पहली बार कक्ष निरीक्षक व कार्मिकों की ड्यूटी आनलाइन लगाने की तैयारी की है। बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की अधिक संख्या की वजह से शिक्षक व कार्मिकों की ड्यूटी बड़ी संख्या लगती रही है। कक्ष निरीक्षक के लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक भी इसमें लगाए जाते हैं। पिछली बार करीब दो लाख से अधिक शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था। इस बार भी संख्या इसी के इर्द-गिर्द होने की उम्मीद है।
आम तौर पर परीक्षा केंद्रों के आसपास के शिक्षक मनचाहे विद्यालयों में ड्यूटी करते रहे हैं, कई बार यह भी सामने आया कि शिक्षक भी अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते थे। इसे रोकने के लिए आनलाइन व्यवस्था की गई है। जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी उनमें पहले राजकीय फिर अशासकीय सहायताप्राप्त और सबसे अंत में वित्तविहीन कालेजों के शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी।
इसके बाद प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को मौका दिया जाएगा। जिलों में तैनात शिक्षकों का ब्योरा मंगाने के बाद उनका ड्यूटी रोस्टर तय हो रहा है। ज्ञात हो कि यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण भी आनलाइन करता है, इस कदम के बाद से नकल माफियाओं को तगड़ा झटका लगा है।
पांच किलोमीटर की परिधि में पांच दिन रहेगी ड्यूटी : शिक्षक जिस विद्यालय में तैनात है वहां से पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक बनना होगा। शिक्षक को एक केंद्र पर पांच दिन दायित्व निभाना होगा, फिर दूसरे विद्यालय में तय तारीखों में पहुंचकर कक्ष निरीक्षक या अन्य कार्य पूरा करना होगा। इसके लिए वेबसाइट बन रही है उसका बोर्ड की वेबसाइट पर लिंक देने के साथ ही जिलों को भेजा जाएगा, ताकि शिक्षकों को सहूलियत रहे।