गाजीपुर में इस बार रिश्ते और दल की निष्ठा पर सियासत की ‘अग्निपरीक्षा’
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सियासत इसी का नाम है। न जाने कब किसके खिलाफ चुनावी मोर्चा संभालनी पड़े। विधानसभा चुनाव में गाजीपुर में तीन ब़ड़े सियासतजदां के सामने एक तरफ पार्टी और दूसरी तरफ रिश्ते के बीच चल रहे चुनाव में ‘अग्निपरीक्षा’ देनी पड़ रही है। हालांकि जिले के सांसद अफजाल अंसारी तबीयत खराब होने से इस चुनावी शोरगुल से पूरी तरह से दूर हैं।
गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी के भतीजे सुहेब अंसारी पैतृक प्रतिष्ठा की सीट मुहम्मदाबाद से सपा से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दिनों तबीयत खराब होने के कारण सांसद प्रचार से पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर चुनाव प्रचार करते तो उनके सामने सबसे बड़ा संकट यह होता कि उन्हें अपने भतीजे के खिलाफ बसपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगना पड़ता। सांसद की खामोशी का नुकसान पार्टी प्रत्याशियों को उठाना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ भाजपा के विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल के बड़े साले डा. मुकेश सिंह जंगीपुर विधानसभा सीट से बसपा से चुनावी जंग में कूदे हुए हैं। इतना ही नहीं बसपा प्रत्याशी मुकेश सिंह भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के जेठ हैं। दोनों के लिए एक तरफ परिवार व रिश्तेदार तो दूसरी तरफ संगठन है। एमएलसी विशाल सिंह चंचल का कहना है कि वह जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के लिए पांच जनसभाएं कर चुके हैं। वह लगातार जनसंपर्क में जुटे हैं। सातों सीटों पर वह प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। उधर, सांसद अफजाल अंसारी का कहना है कि अस्वस्थ होने के कारण वह प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। कमजोरी से चलने-फिरने में दिक्कत है। तबीयत ठीक होती तो वह पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में अवश्य प्रचार करते।