गाजीपुर में छात्रसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष गिरफ्तार, भड़क गए सपा के कार्यकर्ता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अजीत यादव उर्फ विधायक और उनके चाचा अवधेश यादव की भाजपा नेताओं के दबाव में बेवजह गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय समता भवन पर बैठक कर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की। ज्ञात हो कि बीती देर रात 12 बजे के करीब पुलिस ने अजीत विधायक और उनके चाचा को देवकली ब्लाक अन्तर्गत सिंकदरा गांव स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी की खबर मिलते ही जिलाध्यक्ष रामधारी यादव आज सुबह सैदपुर कोतवाली पहुंचे और तत्काल उन्हें छोड़ने की मांग किया और कहा कि यदि अजीत को तत्काल रिहा नहीं किया गया तो पार्टी आंदोलन करने को बाध्य होगी ।
भाजपा सरकार तानाशाही के रास्ते पर है
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि भाजपा सरकार तानाशाही के रास्ते पर चल रही है। वह सत्ता का दुरूपयोग कर रही है। जनपद में बुरी तरह से हारी भाजपा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बदलें की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र और संविधान में कत्तई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा का बुलडोजर समाजवादी पार्टी के विधान परिषद के प्रत्याशियों के घर पर तैनात किया गया इस बात का धोतक है कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है ।
कहा- सत्ता के समर्थन में है प्रशासन
सपा के उम्मीदवार द्वारा नाम वापसी के बाद से ही गाजीपुर से लेकर लखनऊ तक उम्मीदवार के नाम वापसी की चर्चा शुरू हो गई। समाजवादी पार्टी की ओर से इसे दबाव की रणनीति बताते हुए सत्ता पक्ष के समर्थन में प्रशासन के आने की वजह बताई गई।सपा उम्मीदवार के नाम वापसी के बाद मैदान में भाजपा उम्मीदवार के सामने एकमात्र निर्दल उम्मीदवार मदन सिंह यादव ही बचे थे। सपा के उम्मीदवार के नाम वापसी के बाद निर्दल उम्मीदवार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पुराने मामलों को लेकर घर पर धावा बोलने पहुंची तो जानकारी होने के बाद सपा नेताओं का हुजूम भी उमड़ पड़ा था और पुलिस प्रशासन को अपनी टीम को आखिरकार वापस करना पड़ा था।
मदन सिंह यादव की पुलिस को तलाश
इसके बाद भी प्रशासन शांत नहीं बैठा और उसी रात में मुख्तार अंसारी के परिवार के घर पर रात में दबिश देकर मदन सिंह यादव को तलाशने का प्रयास भी निष्फल हो गया। नवनिर्वाचित समाजवादी पार्टी और सुभासपा के सातों विधायकों के अलावा पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जिले में कमल खिलने से रोकने के लिए एकजुट हो चुके हैं। और निर्दल प्रत्याशी मदन यादव को अपना समर्थन दे चुके है।