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गाजीपुर में चुनाव के दौरान सपा-भाजपा समर्थकों में भिड़ंत, पथराव, पुलिस ने खदेड़ा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उत्तर प्रदेश में 7वें और अंतिम चरण के मतदान के दौरान गाजीपुर जिले में कई स्थानों पर बवाल हुआ। गहमर और मुहम्मदाबाद में भाजपा और सपा समर्थक भिड़ गए। दोनों पक्षों में मारपीट के बाद पथराव भी हुआ। पुलिस ने लाठी भांजकर दोनों पक्षों को खदेड़ा।

वहीं जमानियां में भाजपा प्रत्याशी के बूथ में घुसने का विरोध करने पर हंगामा हो गया। विधायक ने पुलिस को बुला लिया और एजेंट को हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा जमानियां के रक्सहां और उसिया में भी हंगामा हुआ। प्रधान और बसपा प्रत्याशी परवेज खां के बीच नोकझोंक हुई।

गहमर में फर्जी वोटिंग पर हंगामा हुआ। सपा और भाजपा समर्थक भिड़ गए। प्राथमिक विद्यालय दक्षिणी पर सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच दो बार झड़प हुई। पुलिस ने लाठी भांजकर सभी को मतदान केंद्र से दूर किया। इसके बाद भी भाजपाई सड़क पर जुटे रहे। 

वहीं, मुहम्मदाबाद में भाजपा-सपा समर्थकों में वाद विवाद के बाद हाथापाई शुरू हो गई। देखते ही देखते  पथरावभी होने लगा। रेवतीपुर थाना क्षेत्र के नवली स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय पर हंगामा हुआ। सपा और भाजपा समर्थक के वोट करने जा रहे लोगों को अपने पक्ष में मतदान करने को  लेकर बहस हुई।

बहस के बीच ही हाथापाई होने लगी। इसके बाद दोनों पक्षों में ईंट-पत्थर चलने लगे। सुरक्षा बलों ने लोगों को तितर-बितर किया। बवाल की खबर पर सपा प्रत्याशी सुहेब अंसारी मन्नू पहुंचे और एंजेटों से जानकारी लेने के बाद चुनाव आयोग से शिकायत की बात कही।

उधर, जमानियां के गोड़सरा में प्रत्याशी के बूथ के अंदर घुसने और कर्मचारियों से वार्ता करने पर सपा के एजेंट ने आपत्ति जताई। विधायक सुनीता सिंह को बूथ के अंदर बार-बार जाने से रोक दिया तो विधायक ने पुलिस बुला ली। एजेंट पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद बूथ पर हंगामा हुआ, माहौल बिगड़ता देखकर मतदाता कतार छोड़कर घरों में लौट गए।

हंगामे के बाद बूथ पर सन्नाटा छा गया। मामले की जानकारी के बाद सपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह गोड़सरा पोलिंग स्टेशन पर पहुंचे और भाजपा प्रत्याशी पर सत्ता का दुरुपयोग करने की बात कही। आरोप लगाया कि जमानियां में तैनात अधिकारी सत्ता दल के एजेंट बनकर सपा के मतदान अभिकर्ताओं को हिरासत में ले रहे हैं।

पूर्व सांसद ओपी सिंह ने गांव में लोगों से निर्भीक होकर वोट करने की अपील की जिसके कुछ देर बाद फिर मतदान अनवरत हुआ। हालांकि हंगामे के बाद बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्र पहुंचे और मताधिकार का प्रयोग किया। स्थानीय लोगों की माने तो हंगामे से लोग सहम गए और चल दिए।  सीओ और एसडीएम समेत अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मतदाताओं को रोकने का प्रयास तक नहीं किया।

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