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Ropeway in Banaras : एक अप्रैल को तय होगी रोपवे निर्माण के लिए कंपनी, कैंट से गिरजाघर तक का प्रस्‍ताव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. Ropeway in Banaras :प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृत के बाद पूरी उम्मीद थी कि 31 दिसंबर 2021 को निविदा खुल जाएगी और निर्माण के लिए कंपनी का नाम तय हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 31 जनवरी 2022 की तिथि तय की थी जिसमें निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब 31 मार्च 2022 कर दिया है जिस तारीख को निविदा प्रक्रिया पूरी कर एक अप्रैल को कंपनी का नाम तय कर दिया जाएगा।

Ropeway in Banaras

पूरी उम्मीद है कि निविदा खोलने की यह अंतिम तिथि होगी क्योंकि वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से रोपवे के लिए जारी निविदा पहले 18 दिसंबर 2021 से खुल रही है। निविदा में ग्लोबल कंपनियों ने भागीदारी की है। वाराणसी में रोपवे की स्थापना के लिए पीपीपी माडल पर जारी की गई है। 3.65 किमी की प्रस्तावित इस परियोजना पर 410 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसमें 20 प्रतिशत केंद्रांश व 20 प्रतिशत राच्यांश है। शेष 60 प्रतिशत कंपनी के हिस्से आएगा। राज्यांश एक बार देय होगा। कार्यदायी कंपनी रोपवे का निर्माण करने के साथ ही संचालन भी करेगी। परियोजना सलाहकार के तौर पर वीडीए की ओर से नियुक्त वैपकास लिमिटेड कंपनी ने प्रस्ताव तैयार किया है।

प्री- बिड आई कंपनियां (Ropeway in Banaras )

-ईसीएल मेनेजमेंट एसडीएनडीएचडी

-डोपल्मेयर

-एफ़आइएल

-पोमा

-एक्रान इंफ्रा

-एजीस इंडिया

-कनवेयर एंड रोप-वे सिस्टम

Ropeway in Banaras परियोजना की मुख्य विशेषताएं

-प्रस्तावित रूट : गोदोलिया से कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य

-कुल केबल ट्राली कार : 222, प्रत्येक कार में 10 व्यक्तियों की क्षमता

-एक तरफ से एक समय में 4500 व्यक्तियों को यात्रा की सुविधा

-प्रस्तावित स्टेशन : 04

-परियोजना लागत : 410.30 करोड़ रुपये

रोप वे (Ropeway in Banaras) निर्माण को आगे आईं नामी गिरामी कंपनियां : कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास प्राधिकरण के अफसरों व कुछ आई कंपनियों के बीच कमिश्नरी सभागार में मीटिंग हुई। कमिश्नर ने बताया कि पीपीपी माडल पर 3.65 किलो मीटर की प्रस्तावित इस परियोजना पर 410 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। चुनाव के कारण इस कार्य में देरी हुई वरना इस पर निर्णय पहले ही हो गया होता। इस परियोजना को पीपी माडल पर आकार दिया जाना है। पीपी माडल पर निर्माण करने वाली कंपनी को ही संचालित करने की जिम्मेदारी होगी। कमिश्नर ने बताया कि कंपनियों ने कई बिंदुओं पर पूछताछ कर जानकारी हासिल की है।

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