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राजा भैया के करीबी MLC अक्षय प्रताप सिंह भेजे गए जेल, कोर्ट आज सुनाएगी सजा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रतापगढ़. यूपी एमएलसी चुनाव से पहले ही रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की पार्टी जनसता दल को बड़ा झटका लगा है. प्रतापगढ़ के निवर्तमान एमएलसी व जनसता दल लोकतान्त्रिक से एमएलसी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल को कोर्ट ने मंगलवार को जेल भेज दिया. जिसके बाद जिले की सियासत पूरी तरह से गर्म हो गयी. प्रतापगढ़ की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने एमएलसी अक्षय प्रताप को जेल भेजते हुए फर्जी पते पर शस्त्र लइसेंस लेने के मामले में सजा के लिए 23  मार्च की तारीख मुकर्रर की है.

कोर्ट के आदेश पर प्रतापगढ़ पुलिस ने अक्षय प्रताप को न्यायिक हिरासत में लेते हुए पहले जिला अस्पताल पहुंचकर उनका मेडिकल कराया, जिसके बाद पुलिस ने अक्षय प्रताप को जेल में दाखिल कराया. इस प्रकरण में आज कोर्ट सजा का ऐलान कर सकती है. बताते चलें कि 15 मार्च कों एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पते पर हथियार बनवाने के प्रकरण में निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल कों कोर्ट ने दोषी करार दिया था. 22 मार्च को सजा के ऐलान के लिए कोर्ट ने तारीख मुकर्रर की थी. 

साथ ही अक्षय प्रताप को तारीख के दिन न्यायलय में हाजिर होने के आदेश भी दिए थे. मंगलवार को अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल कोर्ट में अपने अधिवक्ता के साथ हाजिर हुए. एमएलसी अक्षय प्रताप के अधिवक्ता ने कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही न्यायधीश को एक प्रार्थना पत्र देते हुए हाईकोर्ट की कुछ रूलिंग का हवाला देकर प्रार्थना पत्र के निस्तारण का अनुरोध किया. लेकिन एमपी /एमएलए कोर्ट ने अक्षय प्रताप को कोई राहत न देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया.

फर्जी पते पर हथियार का लाइसेंस लेने का है आरोप

गौरतलब है कि एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल पर 1997 में प्रतापगढ़ जिले में फर्जी पता दिखा कर रिवाल्वर का लाइसेंस लेने का बड़ा आरोप लगा था. तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ला ने मामले का खुलासा होने के बाद नगर कोतवाली में धारा 420, 468, 471 की सगींन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिस प्रकरण में दोषी पाते हुए कोर्ट ने अक्षय को दोषी करार दिया.

एमएलसी चुनाव लड़ने पर ग्रहण

एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप राजा भैया के करीबी व उनके रिश्तेदार है. अक्षय प्रताप 2004 में प्रतापगढ़ से एक बार सांसद रह चुके है. अक्षय प्रताप तीन बार से एमएलसी है. इस बार भी वह जनसता दल से चुनावी मैदान में है,लेकिन अगर कोर्ट उन्हें दो वर्ष से अधिक की सजा सुनाती है तो उनके चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग सकता है. जिसका सीधा फायदा एमएलसी के चुनाव में भाजपा और सपा को मिल सकता है. फिरहाल जनसता दल ने अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल की पत्नी मधुरमा सिंह का भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया है.


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