बनारस में अस्सी पर पप्पू की अड़ी पर PM मोदी ने ली चाय की चुस्की
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. यूपी चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के क्रम में वाराणसी पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को रोड किया। इस दौरान बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद लंका स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा नमन करने निकले। इस बीच अस्सी इलाके में पप्पु की चाय अड़ी में चाय की चुस्की भी ली।
मिर्जापुर में जनसभा करने के बाद सीधे वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने मलदहिया से रोड शो शुरू किया। शो के दौरान हुई थकान को कम करने में पप्पु की चाय काफी कारगर साबित हुआ। पीएम ने चाय की चुस्की के साथ पप्पु की अड़ी से भी अवगत हुए।
अस्सी पर पप्पु की खास चाय
बनारसी कहते हैं कि चाय पिलाने के अंग्रेजी तरीके का भारतीय अंदाज होने के कारण लोग इसे पसंद करने लगे। पप्पू के यहां गर्म पानी और चाय पत्ती को मिलाकर पेय अलग से तैयार रहता है, इसे लीकर बोला जाता है, जिसे गिलासों में पहले से पड़े दूध, चीनी या नींबू में डाला जाता है।
उपन्यास काशी का अस्सी और फिल्म मोहल्ला अस्सी में पप्पु की चर्चा
काशीनाथ सिंह ने अपने बहुचर्चित उपन्यास काशी का अस्सी में सविस्तार चित्रित किया और दुनिया के सामने पहली बार व्यापक रूप में पेश किया। इस पर बनी फिल्म मोहल्ला अस्सी ने इसे और ज्यादा जनविस्तार दिया। काशी का अस्सी में पप्पू की अड़ी का वर्णन करते हुए डॉ. काशीनाथ सिंह ने लिखा है कि आज के अक्खड़ी मिजाज वाले शहर बनारस के साल 1918 में भी, जब काशी के ब्राह्मण चाय को चाह कहते और अंग्रेजों का पेय होने के कारण पीने से परहेज करते थे, यह उनके घर चुपके से जाने लगी। ये जलवा है भारत में चाय का।
जार्ज फर्नांडिस ने दो घंटे प्रेस कांफ्रेंस की थी
अस्सी की चाय की अड़ी की शुरुआत करने वाले मूलत: काशी से नहीं थे। आठवीं पास पप्पू का नाम विश्वनाथ सिंह है। उनके बाबा गणेश सोनभद्र से आए थे। पप्पू की चाय का जादू देसी ही नहीं, विदेशियों की जबान पर भी छाया है। इमरजेंसी के बाद उनकी ही अड़ी में जार्ज फर्नांडिस ने दो घंटे प्रेस कांफ्रेंस की थी।