'पहले अधिकारियों से करेंगे हिसाब किताब उसके बाद ट्रांसफर'' - अब्बास अंसारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. यूपी के अंतिम चरण का चुनाव सात मार्च को है। सात मार्च को मऊ जनपद की मऊ सदर सीट पर चुनाव होना है। लेकिन उससे ठीक पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया है। उनके बयान को जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह बिगलैड़ उम्मीदवार कौन है।
अब्बास अंसारी, बांदा जेल में बंद कुख्यात, वर्तनाम में विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। मुख्तार अंसारी वो ही शख्स हैं जिन्हें पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लाया गया और उनकी अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार का बुलडोजर चला। यूपी सरकार के बुलडोजर ने मुख्तार अंसारी की गाजीपुर से लेकर मऊ तक की अवैध संपत्तियों को तबाह कर दिया और उसका असर मुख्तार अंसारी के बेटे के भाषणों में नजर आ रही है।
अब्बास अंसारी के बिगड़े बोल
मऊ की एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कहा कि उनकी बात सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से यहां के अधिकारियों के संबंध में हुई है। सरकार बनने पर इन अधिकारियों को यहां 6 महीने रोक कर रखेंगे फिर हिसाब किताब करेंगे और उसके बाद ही ट्रांसफर होगा। अब्बास अंसारी इससे पहले भी भड़काऊ बातें करते रहे हैं। बांदा जेल में उन्हें जब उनके पिता से मिलने की इजाजत नहीं मिली तो अपने पिता को एनकाउंटर में मारे जाने का आरोप तक लगा दिया।
जांच के आदेश
यूपी के एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार ने वीडियो के मामले में जांच का आदेश दिया जिसमें मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने एक सार्वजनिक रैली में कथित तौर पर एक विवादास्पद बयान दिया था; मऊ पुलिस को वीडियो की जांच करने और कार्रवाई करने का आदेश दिया। बता दें कि अब्बास अंसारी सपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।