अब्बास अंसारी को कौन दे रहा था बाँदा जेल के अंदर से पल-पल की जानकारी? डाटा फिल्ट्रेशन से तलाश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बांदा/लखनऊ. बांदा जेल के अंदर और बाहर मुख्तार अंसारी का कोई गुर्गा उसके लखनऊ पेशी के दौरान सक्रिय था। वह जेल में अफसरों के आने-जाने की हर गतिविधियों के बारे में जानकारी मुख्तार के बेटे अब्बास को दे रहा था। इसी को आधार बना पुलिस और प्रशासन ने उस गुर्गे की तलाश शुरू कर दी है।
पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी बांदा मंडल कारगार की तनहाई बैरक में सीसीटीवी की निगरानी में बंद है। लेकिन बाहरी दुनिया से उसके तार नहीं टूट पाए। राजनीतिक गलियारों की हलचल और जेल की गतिविधियों का आदान-प्रदान मुख्तार और उनके करीबियों के बीच आसानी से हो रहा है। इसे खुद जिले के आलाधिकारी भी मानते हैं।
इसकी बानगी रविवार रात देखने को मिली, जब मुख्तार को लखनऊ पेशी पर ले जाने की गुपचुप तैयारियां चल रही थीं। मंडल कारगार और अधिकारियों पर मुख्तार के गुर्गे की निगाह थी। हर गतिविधि के पल-पल का अलर्ट वह मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास तक पहुंचा रहा था। इन्हीं जानकारियों को ट्वीट कर अब्बास अधिकारियों और जेल की प्राइवेसी की पोल खोल रहे थे।
डाटा फिल्ट्रेशन से पकड़ा जाएगा
एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा ने बताया कि जेल परिसर के आसपास रविवार रात 12 बजे के बाद सक्रिय मोबाइलों का डाटा फिल्ट्रेशन कराया जा रहा है। जिन नंबरों के जरिए प्राइवेसी का अलर्ट मुख्तार के बड़े बेटे तक पहुंचाया जा रहा था, उसकी जल्द ही जानकारी जुटा ली जाएगी। इस पर तेजी से काम चल रहा है।
डिप्टी जेलर किए गए थे निलंबित
मुख्तार अंसारी ने पंजाब की रोपड़ जेल जाने से पहले 21 माह 21 दिन बांदा मंडल कारागार में बिताए थे। इसे विशेष सुविधाएं मुहैया कराने और बिना शीर्ष अधिकारियों के जानकारी के पंजाब की रोपड़ जेल स्थानांतरण करने के आरोप में तत्कालीन डिप्टी जेलर ताड़केश्वर का निलंबन किया गया था। साथ ही जेल अधीक्षक और कुछ अन्य कर्मचारी भी विभागीय कार्रवाई की जद में आए थे।
जेल से मोबाइल पर बात
जेल मैनुअल के मुताबिक, हरेक बंदी सप्ताह में पांच दिन जेल पीसीओ से अपने करीबी के लिखाए गए नंबर पर बात कर सकता है। मुख्तार की भी बात जेल पीसीओ से उनके करीबी के लिखे नंबर पर कराई जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक आलाधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि मुख्तार बांदा मंडल कारागार से मोबाइल पर अपने करीबियों से बात करता है। इसकी जानकारी अफसरों को मिल चुकी है।
हाई सिक्योरिटी जेल में इस सुविधा का लाभ मुख्तार को कौन कारखास पहुंचा रहा है, इसकी पड़ताल की जा रही है। उसकी बैरक पर नजर रखने को दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसकी भी तफ्तीश कराई जा रही है।