योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध मऊ में खारिज परिवाद की निगरानी स्वीकृत, जानें मामला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. मऊ जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी द्वारा खारिज परिवाद की निगरानी स्वीकृत कर विपक्षीगण व योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख नियत की है। इसके पूर्व अधीनस्थ अदालत एमपी-एमएलए की मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी ने इस परिवाद को अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर होने का हवाला देते हुए 11 मार्च को खारिज कर दिया था।
मजिस्ट्रेट के उक्त आदेश के विरुद्ध दाखिल फौजदारी निगरानी को सत्र न्यायालय ने सुनवाई के लिए एडमिट कर लिया। साथ ही विपक्षी संख्या दो योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत कर दिया है।
दोहरीघाट थाना क्षेत्र के भगवानपुरा कस्बा दोहरीघाट निवासी नवलकिशोर शर्मा ने विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी की अदालत में एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपित बनाया गया है। परिवादी ने अपने परिवाद में उल्लेख किया है कि योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर जिले के मालखेडा में 28 नवंबर 2018 को विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि बजरंग बली बनवासी गिरिवासी व दलित थे।
उनके इस वक्तव्य से परिवादी व बजरंगबली में आस्था रखने वालों की धार्मिक भावना आहत हुई। न्यायालय में परिवादी व दो गवाहों का बयान दर्ज किया गया। मजिस्ट्रेट ने मामले में सुनवाई का क्षेत्राथिकार न पाते हुए उक्त परिवाद को खारिज कर दिया। इस आदेश के विरुद्ध वादी मुकदमा की ओर से जिला जज की अदालत में फौजदारी निगरानी दाखिल की गई। जिसे सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने निगरानी को एडमिट कर सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत किया है। वहीं न्यायाधीश ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य विपक्षी गणों को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।