गाजीपुर में प्रशासनिक दबाव से MLC उम्मीदवार फरार, विपक्ष के विधायक गुपचुप कर रहे प्रचार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में एमएलसी चुनाव का ऐसा दौर आ चुका है जब सपा और सुभासपा के सातों विधायक गुपचुप तरीके से 3132 एमएलसी वोटरों को साध रहे हैं। जबकि भाजपा के उम्मीदवार विशाल सिंह चंचल के सामने चुनौती आ खड़ी हुई है। दरअसल सपा के उम्मीदवार द्वारा नाम वापसी के बाद से ही गाजीपुर से लेकर लखनऊ तक उम्मीदवार के नाम वापसी की चर्चा शुरू हो गई। समाजवादी पार्टी की ओर से इसे दबाव की रणनीति बताते हुए सत्ता पक्ष के समर्थन में प्रशासन के आने की वजह बताई गई। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की भूमिका नाम वापसी के अंतिम समय तक उम्मीदवार को लेकर संदिग्ध रहने से समाजवादी पार्टी इस प्रकरण को भुनाने में जुट गई है।
सपा उम्मीदवार के नाम वापसी के बाद मैदान में भाजपा उम्मीदवार के सामने एकमात्र निर्दल उम्मीदवार मदन सिंह यादव ही बचे थे। सपा के उम्मीदवार के नाम वापसी के बाद निर्दल उम्मीदवार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पुराने मामलों को लेकर घर पर धावा बोलने पहुंची तो जानकारी होने के बाद सपा नेताओं का हुजूम भी उमड़ पड़ा और पुलिस प्रशासन को अपनी टीम को आखिरकार वापस करना पड़ा। इसके बाद भी प्रशासन शांत नहीं बैठा और रात में मुख्तार अंसारी के परिवार के घर पर रात में दबिश देकर मदन सिंह यादव को तलाशने का प्रयास भी निष्फल हो गया। वहीं दूसरी ओर मुख्तार के परिवार पर आरोप है कि उम्मीदवार को परिवार ने कहीं छिपा दिया है।
सपा ने दिया समर्थन : नाम वापसी के ठीक एक दिन पूर्व भाजपा नेता के वाहन में बैठकर सपा नेता व एमएलसी उम्मीदवार भोलानाथ शुक्ला ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद माना जा रहा था कि सपा के हाथ से यह सीट अब निकलकर भाजपा के पास चली गई। लेकिन, निर्दल उम्मीदवार मदन सिंह यादव को जानकारी होने के बाद वह फरार हो गए। नाम वापसी के दिन तक वह प्रशासन के हाथ नहीं लगे। इसके साथ ही भाजपा उम्मीदवार की जीत के राह में मदन रोड़ा बन गए। प्रशासन के काफी प्रयास के बाद भी मदन अभी तक सामने नहीं आए हैं।
परिवार भी निश्चिंंत : निर्दल उम्मीदवारी के बाद अब सपा के उम्मीदवार हो चुके मदन सिंह यादव को पुलिस और प्रशासन अब भी तलाश रही है लेकिन वह सामने नहीं आ रहे हैं। जबकि परिवार की ओर से भी उनकी गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट नहीं लिखवाई गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि परिवार से दूर होकर वह चुनाव जीतने के लिए सक्रियता के साथ लगे हुए हैं। वहीं भाजपा की रणनीति भी जिले में सपा की ओर से बिछाई गई बिसात के आगे अभी फेल नजर आ रही है।
सपा और गठबंधन दल जुटे : नवनिर्वाचित समाजवादी पार्टी और सुभासपा के सातों विधायकों के अलावा पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जिले में कमल खिलने से रोकने के लिए एकजुट हो चुके हैं। वहीं पुलिस द्वारा मुख्तार के परिवार के घर पर रात में कार्रवाई के बाद दल में एकता का दौर चल रहा है। वहीं गुपचुप ही सही लेकिन जिले में एमएलसी चुनाव को साधने और 3132 वोटरों को अपने पाले में करने के लिए सपा और सुभासपा के साथ मुख्तार का परिवार मदन सिंंह यादव के समर्थन में जुट गया है।