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जीत के बाद पिता मुख्‍तार अंसारी का आशीर्वाद लेने बांदा जेल जाएंगे अब्बास अंसारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. इस बार मुख्‍तार अंसारी चुनाव मैदान में न होकर भी मऊ सदर से चुनाव मैदान में बेटे के लिए बांदा जेल से ही चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे थे। मिलने जाने वालों से बातचीत कर चुनाव की बिसात कुछ इस तरह बिछाई कि बड़े बेटे अब्‍बास अंसारी ने भजपा के अशोक सिंंह और बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर तक को सुभासपा की छड़ी से काफी अंतर से पछाड़ दिया। अब अब्‍बास पिता मुख्‍तार का आशीर्वाद लेने बांदा जेल भी जाएंगे और उनका शुक्रिया भी अदा करेंगे। 

पूर्वांचल की बहुचर्चित सदर विधानसभा से पांच बार विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी अपनी एकतरफा जीत के बाद पिता से आशीर्वाद लेने जल्द ही बांदा जेल जाएंगे और उनसे खुशी बांटेंगे। अभी जेल में मिलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जैसे ही प्रतिबंध हटता है तो वह सीधे बांदा जेल जाएंगे। नवनिर्वाचित विधायक ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से सुखद अनूभति हो रही है। 

गाजीपुर जनपद में युसूफपुर मुहम्मदाबाद से आए मुख्तार अंसारी ने अपनी राजनीति शुरू की। इसके बाद 1996 में बसपा से टिकट मिला और पहली बार विधायक बना। इसके बाद 2002 व 2007 में निर्दलीय एवं 2012 अपनी पार्टी कौमी एकता दल के बैनर पर जीत हासिल की। पुन: 2017 में एक बार फिर बसपा से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचा। इस दौरान 2005 में हुए मऊ दंगे के बाद से ही लगातार मुख्तार अंसारी जेल में बंद हैं।

2022 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मुख्तार अंसारी के सुभासपा-सपा गठबंधन के बैनर तले लड़ने की संभावना थी पर अंतिम समय में मुख्तार अंसारी ने अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतार दिया। इधर भाजपा ने अशोक सिंह पर दांव चला था पर अब्बास अंसारी ने एकतरफा जीत हासिल की। अब्बास अंसारी को 1,24,691 तो वहीं भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह को 86,575 मत मिले। उन्होंने अशोक सिंह को 38116 वोटों से पराजित कर विजय का फताका फहराया। विधायक बनने के बाद अब अब्बास अंसारी की एक इच्छा है कि वह अपने पिता से कितनी जल्दी मिल लें। अब्बास ने बताया कि अभी जेल में मिलने पर प्रतिबंध लगा है। इसकी वजह से वह तिथि निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं। जैसे ही जेल के प्रतिबंध हटेंगे वह सीधे पिताजी का आशीर्वाद लेने बांदा जेल जाएंगे।

 
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