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सांसदी छोड़ें या विधायकी? दुविधा में फंसे अखिलेश यादव अब करेंगे ये काम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भले ही बहुमत की रेस से बाहर हो गई है लेकिन वोट प्रतिशत में मिली शानदार बढ़त से उत्साहित है। ऐसे में सांसदी या विधायकी में से एक सीट छोड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव दुविधा में फंस गए हैं। कहा जा रहा है कि अखिलेश खुद को प्रदेश में ही सीमित करते हुए आजमगढ़ से सांसदी छोड़कर करहल की विधायकी बरकरार रख सकते हैं।

सांसदी छोड़ने का पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी पर क्या असर हो सकता है, इसी पर मंथन करने अखिलेश  यादव आजमगढ़ पहुंच रहे हैं। सोमवार की दोपहर बाद उनका अचानक आजमगढ़ आगमन हो रहा है। सपा ने इस बार आजमगढ़ की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की है।

अखिलेश यादव पिछले लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से सांसद चुने गए थे। इस बीच मैनपुरी की करहल से विधायक भी बन गए। अखिलेश को अब आजमगढ़ से सांसदी या करलह से विधायकी में से एक सीट छोड़नी होगी।

समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि आजमगढ़ की सभी दस सीटों पर मिली जीत पर जनता का अभिवादन करने अखिलेश आ रहे हैं। अखिलेश सबसे पहले पूर्व मंत्री और विधायक दुर्गा यादव के आवास पर आएंगे। यहां से अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण भी करेंगे। सभी विधायकों और सपा पदाधिकारियों के साथ उनकी अलग अलग बैठक भी होगी।

हालांकि अखिलेश यादव के आजमगढ़ आने के पीछे असल वजह अपने विधायकों का मन टटोलना है। अखिलेश यादव यहां पर विधायकों और पदाधिकारियों से यह जानने की कोशिश करेंगे कि अगर आजमगढ़ से वह सांसदी छोड़ते हैं तो इसका पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी की रणनीति पर क्या असर हो सकता है? 

समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में सबसे शानदार सफलता पूर्वांचल में ही अर्जित की है। आजमगढ़ के साथ इससे सटे अंबेडकरनगर और गाजीपुर में तो समाजवादी पार्टी ने सभी सीटें जीत ली हैं। इसके अलावा आजमगढ़ से सटी मऊ, बलिया, जौनपुर में भी समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर रहा है। 

इससे पहले खबर आई थी कि अखिलेश करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर आजमगढ़ की सांसदी अपने पास रखेंगे। अखिलेश के इस्तीफे के बाद करहल सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को उतारा जाएगा। अखिलेश ने करहल सीट 67000 से अधिक मतों से जीती है। अखिलेश को 1.48 लाख वोट मिले जबकि बघेल को 80,000 वोट मिले।

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