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गाजीपुर में गर्म हवा ने छुड़ाया पसीना, सड़कों पर थमी रफ़्तार - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में रविवार को सुबह से ही गर्मी का असर दिखा। सूर्योदय के कुछ देर बाद ही सूरज की किरणें चुभ रही हैं, धूप में बाहर निकलना मुश्किल होता रहा। दोपहर में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो मार्च के महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान माना गया। हालांकि मौसम विभाग इसे टूटते रिकार्डों के बीच चढ़ते पारे की परिभाषा दे रहा है तो आगामी दो दिनों में पारा 40 के पार जाने की संभावना भी जता रहा है।

गाजीपुर में सुबह सात बजे से ही सूरज की किरणें चुभने लगी, नौ बजे के बाद गर्म हवा चलने लगी है। धूप में निकलने में परेशानी हो रही है। सुबह का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा तो दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच पारा 39 को छू गया। शाम पांच बजे भी पारा 36 डिग्री पर आकर टिका रहा तो शाम ढ़लने तक हवा में गर्माहट बरकरार रही। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 30 मार्च को लू चल सकती है। 

अप्रैल के पहले सप्ताह अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। गाजीपुर की भाषा में कहें तो जेठ जैसी गर्मी का एहसास मार्च में होने लगा है। सुबह घर से निकलने वाले लोगों को गर्म हवा परेशान करने लगी है। इससे दोपहर में तो घर से निकलना तक मुश्किल होता रहा। शहर की अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। शहर के सार्वजनिक स्थलों, चट्टी-चौराहों सहित रोडवेज परिसर व रेलवे स्टेशन के पास भी लोगों की भीड़ कम ही नजर आयी। वहीं दोपहर में सवारी ढोने वाले कई वाहन चालक यात्रियों के इंतजार में इधर घूमते नजर आये।

खेती पर दिखने लगा गर्मी का असर

मौसम को लेकर कृ़षि क्षेत्रों की बात की जाय, तो मार्च माह में ही जून माह जैसी गर्मी के पड़ने से उनकी खेतीबाड़ी में परेशानी हो रही है। तेज गर्म हवा चलने से इसका विपरीत असर पिछैती गेहूं सहित अन्य फसलों के उत्पादन पर पड़ने की उम्मीद बढ़ गयी है।

वहीं इस वर्ष आम के पेड़ों में काफी मात्रा में बौर आयी हैं। इसे देखकर आम उत्पादक किसान काफी खुश हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से अचानक तापमान के बढ़ने से आम उत्पादक किसान काफी हलकान हैं। क्षेत्र के लोचाईन गांव के आम उत्पादक किसान राजेश राय, चन्द़बली आदि किसानों का कहना है मार्च में ही गर्म हवा चलने से आम की फसल को काफी नुकसान हो सकता है। 

बौर के सूखने का खतरा बढ़ सकता है। इससे आम के फल कम हो सकते हैं। दूसरी तरफ क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेत में मटर की फसल लेने के बाद किसानों ने गेहूं, जौ, उड़द आदि फसलों की खेती की है। इसपर भी बढ़ रही गर्मी का दुष्प्रभाव पड़ सकता है। क्षेत्र के शेरपुर के अग्रणी किसान उपेन्द्रनाथ राय, हरिश कुमार आदि किसानों का कहना है कि मौसम में लगातार गर्मी के बढ़ने और तेज पछुआ हवा के चलते गेहूं की पिछैती फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गयी है। गर्मी और तेज पछुआ हवा से पिछैती गेहूं आदि फसलों में दाने नहीं लगेंगे।

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