कॉलेजों में दिवाली पर पूजा क्यों होती है - असदुद्दीन औवेसी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब पर आए कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर कॉलेजों में तिलक और सिंदूर लगाकर आने की इजाजत है तो हिजाब की क्यों नहीं। अगर कॉलेजों में धर्म को तवज्जो नहीं दी जाती है तो दिवाली क्यों मनाई जाती है। औवेसी ने जोर देकर कहा कि हिजाब पहनने से रोकना संवैधानिक अधिकारों का हनन करना है।
आजतक (Aaj Tak) चैनल से बात करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट का हिजाब पहनने को लेकर आया फैसला निराशाजनक है। अगर कोई लड़की हिजाब पहनना चाहती है तो उन्हें रोकने का अधिकार किसी को नहीं है। औवेसी ने आगे कहा कि अगर कॉलेज में धर्म नहीं को तवज्जो नहीं दी जाती है तो दिवाली क्यों मनाई जाती है। हिजाब पहनने से रोकना संवैधानिक अधिकारों का हनन करना है।
सिंदूर पर रोक नहीं तो हिजाब पर क्यों
औवेसी ने आगे कहा कि मुस्लिम लड़कियां आज पढ़ाई के लिए आगे आ रही हैं, वो स्कूल और कॉलेज जा रही हैं। ऐसे में मुस्लिम लड़कियों के संवैधानिक अधिकारों को छीनना उनके साथ नाइंसाफी करने जैसा है। वे आगे कहते हैं कि अगर कॉलेज में सिंदूर, तिलक और मंगलसूत्र पहनने की इजाजत है तो हिजाब पहनने पर क्यों इतना विवाद खड़ा किया जा रहा है। अगर कोई लड़की हिजाब पहनना चाहती है तो उसे क्यों रोका जा रहा है।