Today Breaking News

मुख्तार अंसारी के खिलाफ डॉन बृजेश सिंह अफसरों संग रच रहे साजिश - अफजाल अंसारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार अंसारी एमपी/एमएलए कोर्ट की अमानत हैं। कोर्ट ने जेल प्रशासन को उनकी सुपुर्दगी ही नहीं, सुरक्षा का जिम्मा भी दिया है। मुख्तार पर दर्ज मुकदमों के ट्रायल, बृजेश सिंह के खिलाफ उनकी गवाही, बदले की भावना से कार्रवाई और माहौल बिगाड़ने में सरकारी अमला जुटा है। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से लखनऊ ले जाकर पेशी कराने को लेकर अफजाल ने आरोप लगाया कि अफसरों के साथ मिलकर पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह साजिश रच रहे हैं।

अफजाल ने बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की प्रक्रिया को न्यायिक व्यवस्था और कानून का अनुपालन बताया तो सरकार पर तमाम सवाल भी खड़े किए। कहा कि मामले को सनसनीखेज बनाने के साथ अनहोनी की आशंकाओं को बढ़ावा भी मिल रहा है।

कहा कि मुख्तार को खरोंच आना भी लोकतंत्र और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल और कानून से खिलवाड़ है। उन्होंने उप्र सरकार के कुछ अधिकारियों पर पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को क्षति पहुंचाने की बात भी कही। सांसद ने कहा कि हम भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका में पूरा भरोसा रखते हैं। कोर्ट में किसी मामले की पेशी पर आपत्ति नहीं है लेकिन ये तरीके आशंकाओं को जन्म देते हैं। न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हर दिन तमाम पेशी हो रही है। 

एफटीसी की तरह हर दिन हो सुनवाई

सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि जिन मामलों में मुख्तार गवाह हैं, उनमें तो गवाही की तारीख ही नहीं लग पा रही है। कोर्ट में चल रहे मुकदमों की एफटीसी की तरह जल्द सुनवाई होनी चाहिए। कहा, मुख्तार को हर मामले में षड्यंत्र के तहत फंसाया गया और अब तक किसी मामले में सजा तक नहीं हुई। यही बात न्यायपालिका पर उनका भरोसा मजबूत करती है। 

दादी की विरासत से अब्बास और उमर को मिली संपत्ति

लखनऊ में अवैध कब्जे और शत्रु संपत्ति हथियाने के मामले में मुख्तार की पेशी हुई। लखनऊ के मौजा जियामऊ में इस जमीन को मुख्तार अंसारी की मां राबिया बेगम ने 1962 में मोहम्मद वसीम से खरीदा था। बाद में वह पाकिस्तान चले गए।

आराजी संख्या 93 में दर्ज पांच बीघा भूमि की वसीयत राबिया ने अपने पोते अब्बास और उमर को कर दी। भूखंड पर दो टावर में फ्लैट बना दिए गए। बाद में 29 दिसंबर 2018 को राबिया बेगम के इंतकाल के बाद संपत्ति अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम चढ़ गई। इसके बाद जांच में एलडीए को नक्शे और प्रक्रिया में खामियां मिली और भवनों का ध्वस्त करा दिया गया।

'