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उत्तर प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली की तैयारी, 2200 करोड़ होगा खर्च

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागडोर फिर से संभालने की तैयारी में जुटी भाजपा अपने दूसरे कार्यकाल में शपथ लेने के साथ ही भाजपा का संकल्प बनेगा यूपी नंबर वन को पूरा करने में जुटेगी। घोषणा पत्र पर विभागों ने मंथन शुरू कर दिया है। इन्हें अमलीजामा पहनाने की कार्ययोजना क्या होगी और कितना खर्च आएगा इसकी रूपरेखा खींची जा रही है। भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्जमाफी के फैसले की तरह इस कार्यकाल की पहली कैबिनेट में किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली के वादे को पूरा करने का प्रस्ताव ला सकती है।

किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने में क्या व्ययभार आएगा इस पर ऊर्जा विभाग में मंथन शुरू हो गया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने में 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सालाना बोझ अनुमानित है। वादे को पूरा करने के लिए सरकार यह धनराशि सब्सिडी के रूप में पावर कॉरपोरेशन को देगी। 

बिजली के लिए सब्सिडी का भार हो जाएगा 13 हजार करोड़ से अधिक

सरकार पहले से ही बिजली पर करीब 11 हजार करोड़ रुपये सालाना सब्सिडी दे रही है। इस योजना को लागू करने पर सब्सिडी बढ़कर 13 हजार करोड़ से अधिक हो जाएगी। पावर कारपोरेशन की मौजूदा स्थिति यह है कि यह कारपोरेशन करीब 95 हजार करोड़ रुपये के घाटे में है। प्रदेश में करीब तीन करोड़ छह लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। इनमें 13.16 लाख नलकूप उपभोक्ता (किसान) हैं।

1000 करोड़ की योजना नंदबाबा दुग्ध मिशन पर भी मंथन

सूत्र बताते हैं कि भाजपा के संकल्प में खेती किसानी और किसानों की खुशहाली के लिए शामिल करीब 37 हजार करोड़ की योजनाओं पर भी संबंधित विभागों ने काम शुरू किया है। शपथ के बाद जैसे-जैसे सरकार का निर्देश मिलेगा संबंधित घोषणाओं से संबंधित कार्ययोजना सरकार के सामने प्रस्तुत करेंगे। राज्य में डेयरी वैल्यू चेन बनाने की योजनाओं पर काम पहले से ही चल रहा है। बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर समूह की तर्ज पर पूर्वांचल में दो दुग्ध उत्पादक कंपनियों के गठन की योजनाओं को स्वीकृत भी किया जा चुका है। भाजपा की घोषणा पत्र में शामिल 1000 करोड़ की लागत से नंदबाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादन को और बढ़ाने की योजना पर भी विभागीय स्तर पर मंथन होने लगा है।  

विभागीय रिक्तियों को भरने के लिए प्रस्ताव की तैयारी

चुनाव से कुछ माह पूर्व प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रस्ताव विभागों से मांगे थे। करीब करीब सभी विभागों ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजे थे। अब विभागीय अधिकारी रिक्तियों से संबंधित प्रस्ताव को नये सिरे से बनाने की तैयारी में जुटे हैं। चुनाव से पूर्व मुख्य सचिव के स्तर पर भी रिक्तियों को भरने के संबंध में विभागीय अधिकारियों की कई बैठकें हुई थीं। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेस) के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्र बताते हैं कि सरकारी विभागों में करीब 4.5 लाख पद रिक्त हैं। स्वास्थ्य व परिवहन जैसे विभाग करीब 30 फीसदी कर्मचारियों से काम चला रहे हैं। राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज में स्वीकृत पद 7500 हैं जिसके सापेक्ष महज 2200 स्थाई कर्मचारी हैं। आउटसोर्स के सहारे यहां के अधिकांश काम चल रहे हैं। वादे के मुताबिक सरकार को रिक्त पदों पर भर्ती करने का काम तेजी से करना होगा। 

डॉक्टरों व पैरामडिकल स्टाफ की भर्ती जल्द होगी

दूसरी तरफ बताया जाता है कि प्रदेश में समूह ग के ही 40 हजार पद रिक्त हैं। इनके संबंध में प्रस्ताव पहले से तैयार है। भाजपा ने अपनी घोषणा पत्र में 6000 डॉक्टरों तथा 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति जल्द करने का वादा किया है। जिसके सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है।

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