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पूर्वांचल के 10 जिलों में बराबरी पर छूटा भाजपा-सपा का मुकाबला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भले ही स्पष्ट जनादेश प्राप्त कर लिया हो लेकिन सपा ने पूर्वांचल की तीन मंडलों वाराणसी, मीरजापुर और आजमगढ़ के 10 जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया। इसका परिणाम रहा कि भाजपा सपा के बीच मुकाबला लगभग बराबरी पर छूटा। भाजपा और उसके गठबंधन ने जहां 29 सीटों पर विजय हासिल की तो समाजवादी और उसके गठबंधन ने 31 सीटों पर विजय हासिल की।

विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन के बाद जब पहली बार विधान सभा चुनाव हुए तो पूर्वांचल में 2012 में सपा की लहर चली थी और उसे भारी विजय मिली थी। बाद में 2017 में मोदी लहर आई और भाजपा ने सपा का सफाया करते हुए भारी जीत अपने गठबंधन के सहारे हासिल की। पिछले चुनाव में भाजपा गठबंधन को 41 सीटें इस क्षेत्र में मिलीं थीं। भाजपा ने जहां स्वयं 34 सीटें जीतीं थीं तब उसके सहयोगी सुभासपा ने तीन और अपना दल ने चार सीटों पर विजय हासिल किया था। इस बार भाजपा 23 पर ही सीमट गई। उसके सहयोगी अपना दल एस ने तीन और निषाद पार्टी ने तीन सीट पर जीत हासिल की। इस प्रकार तीनों ने मिलकर 30 सीटें जीतीं हैं। इस बार भी सपा के प्रत्याशियों ने निराश नहीं किया।

सपा व गठबंधन ने 31 सीटों पर जीत हासिल की। इसमें सुभासपा ने तीन सीटों पर जीत हासिल किया। अफसोस सपा गठबंधन के अपना दल कमेरावादी को कोई सीट नहीं मिली। सबसे खराब हालत बसपा का रहा जो पिछले चुनाव में सात सीटों पर जीत हासिल की थी वह इस बार मात्र एक पर सीमट गई। उसके नेता उमाशंकर सिंह ने रसड़ा सीट जीत कर पार्टी की पूरे प्रदेश में लाज बचाने का कार्य किया। इस बार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का जलवा पूरी तरह से फेल हो गया। वह वाराणसी में चार दिनों तक डेरा डाले रहीं लेकिन सभा और रैलियों में कम ही भाग लिया। जौनपुर, गाजीपुर आदि जनपदों में कुछ सभाएं जरूर कीं। उनकी सभा में भीड़ भी आई लेकिन वह वोट में तब्दील नहीं हो पाई। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी।

यही हाल अन्य दलों एआइएमआइएम, आप आदि पार्टियों का भी रहा। वह कोई भी सीट नहीं हासिल कर सके। इस बार निर्दल भी कोई कमाल नहीं कर सके। उनकी ज्यादातर जगह जमानत जब्त हो गई। अपने बल पर चुनाव जीतने वाले भदोही में विजय मिश्र और जौनपुर में धनंजय सिंह भी चुनाव हार गए।

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