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ट्रेन से सफर करने जा रहे हैं तो बेडरोल साथ लेकर ही जाएं, रेल प्रशासन के पास अभी इंतजाम नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गोरखपुर आनंद विहार हमसफर में यात्रा कर रहे यात्री आनंद देव ने रेलवे के आदेश के बाद बेडरोल न दिए जाने की शिकायत की। कहा कि रेलवे ने तत्काल बेडरोल उपलब्ध कराने के आदेश दिए। लेकिन रेलवे प्रशासन बेडरोल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। यात्री डीडी पांडेय लखनऊ से चंडीगढ़ एसी फर्स्ट में रवाना हुए तो बिना बिस्तर लेकर ही स्टेशन पहुंच गए। अटेंडेंट से बिस्तर मांगा तो बताया गया कि अभी इसे उपलब्ध नहीं कराया गया है।

नौ मार्च को रेल मंत्रालय के एक आदेश के तत्काल शब्द ने यात्री और रेलवे दोनों की परेशानी बढ़ा दी है। बोर्ड ने आदेश दिया कि कोरोना के कारण ट्रेनों की एसी बोगियों के सफर में यात्रा के दौरान बेडरोल की व्यवस्था पर दो साल से लगे प्रतिबंध को तत्काल हटा दिया गया है। ऐसे में यात्रियों को तत्काल प्रभाव से बेडरोल उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन पिछले दो साल से बेडरोल की धुलाई करने वाली रेलवे की मैकेनाइज्ड लांड्री बंद पड़ी है। कंबल, तकिया, चादर और कवर के साथ पर्दे की धुलाई तक नहीं हो सकी है। पुराने हो चुकी चादरों और कंबल को बदलकर उनकी जगह नई की खरीदारी करने के टेंडर भी नहीं हो सके।

बिस्तरों की धुलाई का टेंडर आवंटित करने की प्रक्रिया भी अब रेलवे ने बोर्ड के आदेश के बाद शुरू कर दी है। लखनऊ मेल, चंडीगढ़ एक्सप्रेस, एसी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, पुष्पक एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस सहित 22 जोड़ी ट्रेनों में लखनऊ से बेडरोल की आपूर्ति की जाती है। रेलवे प्रशासन के मैकेनिकल अनुभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रेलवे बोर्ड से बेडरोल को तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। लांड्री की मरम्मत की जा रही है। दो साल में बेडरोल की कमी हो गई है। उसे भी पूरा किया जा रहा है। इस कार्य में दो से तीन सप्ताह और लग सकता है।

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