अखिलेश यादव बनारस से मतगणना स्थल की लेते रहे रिपोर्ट, कहा - 'दुनिया देखेगी लोकतंत्र कैसे बचाया जाता है'
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा ईवीएम पकड़ने की घटना सामने आने के बाद इस मामले से पार्टी के पदाधिकारियों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी अवगत कराया गया। इसके बाद अखिलेश यादव ने पार्टी की ओर से प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी के कार्यकर्ताओं को ईवीएम की रखवाली का संदेश दिया।
वहीं रात में विवाद के दौरान अखिलेश को मौके से पल पल की प्रगति से अवगत कराया जाता रहा। वहीं वाराणसी में विवाद को देखते हुए अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया और ढोल मंजीरा के साथ रतजगा करने और किसान आंदोलन की तरह ही उनके लिए लंगर लगने और लोकतंत्र को बचाने के प्रयासों के तरीकों को लेकर भी संदेश जारी किया।
वाराणसी में विवाद के बाद पूर्वांचल के अमूमन सभी जिलों में मतगणना स्थल पर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सपाइयों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी। केंद्रों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही प्रशासनिक सक्रियता और केंद्रों पर सुरक्षा को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई। देर रात अखिलेश यादव ने भी दो ट्वीट जारी कर मतगणना स्थलों की व्यवस्था और निगरानी बढ़ाने की अपील की पोस्ट वायरल होती रही।
अखिलेश का पहला ट्वीट : वाराणसी में EVM पकड़े जाने का समाचार उप्र की हर विधानसभा को चौकन्ना रहने का संदेश दे रहा है। मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें। युवा लोकतंत्र व भविष्य की रक्षा के लिए मतगणना में सिपाही बनें।
अखिलेश का दूसरा ट्वीट : आज से,अभी से हर युवा, हर मतदाता अगले तीन दिन तक मत की रक्षा के लिए मतगणना केंद्र की क़िलेबंदी कर दे और ढोल-मंजीरा लेकर आज़ादी के अफ़साने गाए। किसानों की तरह उनके लिए भी लोकतंत्र के लंगर लगेंगे व दुनिया देखेगी लोकतंत्र को कैसे बचाया जाता है। राजनीति बाहुबल के आगे जनबल झुकेगा नहीं।
अखिलेश यादव के इन दोनों ट्वीट के सामने आने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की ओर से खूब संदेश शेयर किए गए। वहीं आधीरात को बवाल थमने के बाद भी कार्यकर्ताओं की सतर्कता और निगरानी कम नहीं हुई। अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के संदेश के बाद पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी बुधवार को पार्टी स्तर पर बैठक कर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर रणनीति बनाई गई। वहीं सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी रात में अखिलेश यादव से मिले और आयोग से वाराणसी में विवाद की शिकायत भी की।