भाजपा की जीत के बाद बनारस में मेट्रो की जगी आस, आजमगढ़ को मिलेगा एटीएस कमांडो सेंटर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. यूपी में भाजपा के पक्ष में स्पष्ट जनादेश का अर्थ भी स्पष्ट है कि जनता ने भाजपा पर भरोसा दोबारा जताया है। डबल इंजन की सरकार ने परियोजनाओं को पूरा ही नहीं किया बल्कि समय से जनता को लोकार्पित भी कर दिया। इसका परिणाम रहा कि सरकार की परियोजनाओं से जनता ने खुश होकर दोबारा भाजपा को मौका दिया है। वहीं चुनाव के पूर्व भाजपा की ओर से जारी चुनावी घोषणाओं के भी अब पूरा होने की उम्मीद आम जनता को है। जहां एक ओर सरकार ने होली पर गैस सिलेंडर बांटने की घोषणा की थी वहीं कई अन्य जन सुविधाएं आम जनता को देने का वायदा किया था। अब होली एक ओर करीब है तो दूसरी ओर अन्य घोषणाओं पर भी जनता की निगाह है।
भाजपा की ओर से चुनाव के ठीक पूर्व चुनाव घोषणा पत्र के तौर पर संकल्प पत्र पेश कर यूपी के मतदाताओं के सामने भाजपा सरकार बनने पर मिलने वाले लाभों की घोषणा की गई थी। इसमें पूर्वांचल के लिहाज से एक्सप्रेस वे ही नहीं बल्कि बलिया लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण भी शामिल है। यह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लिंक होने के साथ ही देश की राजधानी और वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल को प्रदेश की राजधानी और अन्य कारोबारी महत्व के लिहाज से जरूरी शहरों को भी जोड़ेगा। वहीं इसकी कनेक्टिविटी की चर्चा बिहार तक होने की भी रही है। गंगा एक्सप्रेस वे भी वाराणसी तक कनेक्ट करने की घोषणा पूर्व में हो चुकी है।
प्रदेश के विकास के लिए भाजपा की ओर से संकल्प पत्र में काशी में मेट्रो परियोजना को भी साकार करने की बात कही गई थी। अब वाराणसी में भाजपा के पक्ष में स्पष्ट जनादेश और आठों सीटों पर भाजपा की जीत के साथ ही पूर्वांचल में वाराणसी शहर को मेट्रो रेल से आच्छादित करने की संभावनाओं ने भी जोर पकड़ा है। अगले पांच सालों में वाराणसी में मेट्रो बनने की उम्मीदों को भाजपा की घोषणा से बल मिला है। इस लिहाज से शहर में बेहतर कनेक्टिविटी मिलना तय माना जा रहा है। जबकि पूर्व में रोप वे को लेकर भी परियोजना की चर्चा रही लेकिन चुनाव के शोर में रोप वे बनने की चर्चा भी कम होती गई। हालांकि, पूर्व में वाराणसी में मेट्रो होने से लागत अधिक और मुनाफा कम होने का डीपीआर बनने के बाद से मेट्रो परियोजना ठंडे बस्ते में चल रही थी।
आजमगढ़ जिले में आतंकवाद की गहरी जड़ों पर चोट करने के लिए जिले में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने की चर्चा भी घोषणा पत्र में शामिल थी। इस लिहाज से पूर्वांचल को बड़ा सुरक्षा का केंद्र बिंदु बनाने का सरकार का प्रयास भी अब सामने आने की उम्मीद है। आजमगढ़ जिले में एटीएस केंद्र के बनने से जिले में मौजूद आतंकवाद की जड़ों पर भी चोट करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा भी सोलह पन्नों के संकल्प पत्र की रिपोर्ट में पूर्वांचल के लिहाज से प्रमुख योजनाओं को धरातल देने के लिए पहल की बात कही गई थी। अब अगले पांच साल तक पूर्वांचल में विकास की योजनाओं की जनता को अधिक अपेक्षा होगी।
पूर्वांचल में पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के होने की वजह से भी पूर्वांचल का पर्याप्त विकास ही नहीं बल्कि मेगा परियोजनाएं समय समय पर आकार पाती रही हैं। काशी विश्वनाथ धाम कारीडोर के साथ ही विंध्य कारीडोर की परियोजना भी शुरू हो चुकी है। इससे पर्यटन को जहां धार मिलेगा वहीं खिड़किया घाट को पर्यटकों के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। यहां एंफीबियस प्लेन को उतारने के साथ ही जेट्टी से गंगा की सैर के लिए भी परियोजना लगातार आकार पा रही है। वहीं रोप वे की परियोजना जमीन पर उतरी तो वाराणसी में पर्यटन को और भी बूम मिलेगा। वहीं विंध्याचल में रोप वे का संचालन शुरू भी हो चुका है।