भाजपा से लड़ते-लड़ते बिखरा विपक्ष, मुलायम की बहू अपर्णा सहित सत्ताधारी दल में शामिल हुए 397 नेता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम कुछ भी हों, लेकिन जीत बरकरार रखने के लिए भाजपा ने इस बार तिनके-तिनके से ताकत जुटाई है। अपना पिछड़ा कार्ड मजबूत करने के लिए सपा ने पिछड़ा वर्ग से आने वाले भाजपा के कुछ नेताओं को अपने पाले में मिलाया तो भगवा खेमे से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भी पार्टी का कुनबा बढ़ाने का मिशन अपने हाथ में ले लिया।
कहीं रिश्तों की डोर पहुंचाई तो कहीं राजनीतिक दांव चले। उसी का असर है कि विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं का आकर्षण सत्ताधारी दल की ओर बढ़ता गया। चुनाव के दौरान ही 397 नेता-कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए और यूं विपक्षी दलों का संगठन कमजोर होता चला गया। इनमें सबसे अधिक भगदड़ सपा में मची, जिसके 101 नेताओं ने पाला बदला।
राजनीति में दलबदल का खेल पुराना है। यह भी तय है कि सत्ताधारी दल में ही सबसे ज्यादा दलबदलू शामिल होते रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बसपा के तमाम नेता सपा में शामिल हो गए। फिर पार्टी के मजबूत होने और सत्ता में वापसी की संभावना का संदेश देने का अवसर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को तब मिला, जब योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी सहित कई विधायक और कार्यकर्ता साइकिल पर सवार हो गए।
सपा उत्साहित थी और इस बीच भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी की अध्यक्षता में ज्वाइनिंग कमेटी बनाकर अपने संगठन को और मजबूत करने का अभियान छेड़ दिया। कमेटी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी थे। सभी ने क्षेत्र, संगठन और समाज में अपनी पकड़ का प्रयोग करते हुए भगवा कुनबे को मजबूत करने का प्रयास शुरू किया।
असर यह रहा कि चुनाव के दौरान कुल 393 नेता और कार्यकर्ता दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हो गए। इनमें सपा के 101, बसपा के 64, कांग्रेस की तीन पोस्टर गर्ल सहित 52, रालोद के 12, प्रसपा के 12, सुभासपा के 10, आम आदमी पार्टी के तीन, अन्य दलों के 36, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के 54, सेवानिवृत्त या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले 39 और 14 जनप्रतिनिधियों ने कमल दल की सदस्यता ले ली।
उल्लेखनीय है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव, समधी व सिरसागंज विधायक हरिओम यादव और साढ़ू प्रमोद गुप्ता भी भाजपा में शामिल हो गए।
153 जनप्रतिनिधि और पूर्व जनप्रतिनिधि हुए शामिल
पूर्व सांसद - पांच
विधायक और एमएलसी - 15
पूर्व विधायक - 26
पूर्व केंद्रीय मंत्री - 1
पूर्व मंत्री, दर्जा प्राप्त मंत्री, निगम-बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य - 25
पूर्व लोकसभा प्रत्याशी - 42
निकाय अध्यक्ष-सदस्य और ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी - 1
अन्य दलों से विधानसभा चुनाव के घोषित प्रत्याशी - 2
दूसरे दल से आए 21 लोगों को बनाया प्रत्याशी : दूसरे दलों से भाजपा में आए लोगों में से 21 को इस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी भी बनाया गया है। इनमें दस विधायक शामिल हैं।