उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट बदली, बारिश के साथ कई जगह ओलावृष्टि से फिर बढ़ी ठंड व गलन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मौसम ने गुरुवार तड़के करवट बदली है। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र बादलों की गिरफ्त में हैं। पश्चिमी के साथ मध्य उत्तर प्रदेश में अधिकांश जगह पर बारिश होने से ठंड तथा गलन बढ़ी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही लखनऊ के करीब सीतापुर में ओले भी गिरे हैं। जिससे लोग घर में दुबके हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बारिश व तेज हवा की आशंका जताई है।
मेरठ व आसपास के जिलों में सुबह से तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। सर्दी भी बढ़ गई है। बागपत के बड़ौत में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। प्रयागराज में सुबह बादल छाए थे। दिन में करीब दस बजे हल्की धूप निकली। शीत लहर चल रही है। रात में ग्रामीण इलाके में कोहरा छाया था।
लखनऊ में बारिश होने के बाद भी बादल छाए हैं। पास के जिलों में भी धुंध बढ़ी है। सीतापुर में मौसम का मिजाज बदलने से बारिश के साथ कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई है। तेज हवा के साथ कई क्षेत्रों में बौछारें भी पड़ रही हैं। महमूदाबाद क्षेत्र के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई है। बिजली कड़क रही है। तेज हवा और बारिश की वजह से ठंड भी बढ़ गई है।
बरेली, बदायूं में बारिश हो रही है। शाहजहांपुर में बादल हैं। पीलीभीत में करीब 15 मिनट ओले गिरे। ताजनगरी आगरा का भी गुरुवार को मौसम बदला है। यहां पर धूल भरी आंधी के बीच बादल छाए हैं। धूप नहीं निकली है। सुबह का तापमान बढ़ गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आज बारिश हो सकती है। यहां पर सुबह से ही तेज हवा चल रही है, नौ बजे के बाद धूल भरी आंधी चलने लगी। न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मुजफ्फरनगर में सुबह के वक्त धुंध छाई रही। ठंडी हवाओं के साथ गलन बढ़ी है। यहां पर रुक - रुककर हल्की बूंदाबादी भी हुई है। बिजनौर में गुरुवार सुबह सवेरे से ही आसमान में बादल छा गए और कुछ देर बाद ही बारिश होने लगी। बारिश और शीतलहर चलने से मौसम में ठंड का इजाफा हुआ। पिछले हफ्ते से जनपद मौसम में बार-बार बदलाव हो रहा है। गत बुधवार को भी सुबह से दोपहर तक आसमान में बादल रहे थे। सुबह सवेरे से ही बारिश होने के कारण खेती का कार्य बाधित हो गया है। अब बदलते मौसम से किसानों को चिंता है कि बारिश के साथ ओलावृष्टि न हो जाए, इससे किसानों की गेहूं सरसों आदि की फसलों को काफी नुकसान हो जाएगा।