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बलिया में इस बार भाजपा के साथ खड़ा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का परिवार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर कभी कांग्रेस के युवा तुर्क हुआ करते थे। उसी दरम्यान वह लाेकनायक जयप्रकाश नारायण के संपर्क में आए और समाजवादी हो गए। कहते हैं उस दौर में पूर्वांचल की राजनीति चंद्रशेखर के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। विधान सभा का चुनाव हो या लोकसभा का, चंद्रशेखर के निर्णय काे जनता सहज भाव से स्वीकार कर लेती थी। अब वक्त बदल चुका है। हर चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा रहने वाला पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के स्वजन अब भाजपा के साथ मजबूती से खड़े हैं।

विधान सभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के छोटे पुत्र राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर जिले के सातों विधान सभा क्षेत्रों मेें भाजपा के के लिए मजबूती से लगे हैं। वह पूर्वांचल में वह क्षत्रिय चेहरा बन कर उभरे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद ही शेखर भाजपा में चले गए थे। विधान सभा चुनाव से पूर्व उनके पौत्र विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू भी सपा से रिश्ता तोड़ भाजपा का दामन थाम लिए। विधान सभा चुनाव में जिले के हर सीट पर नीरज शेखर अपना स्वयं का प्रभाव डालते दिख रहे हैं। इसको लेकर सपा के कुछ नेताओं की ओर से उनपर टिप्पणी भी की गई, लेकिन वह इसका जवाब भी शालीनता से दिए। अब चुनावी घमासान के बीच नीरज शेखर खास चर्चा में हैं।

साल 2007 में उनके निधन के बाद बलिया सीट पर 2008 में उप चुनाव और 2009 में आम चुनाव में उनके बेटे नीरज शेखर ने सांसद बने, लेकिन 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर में भाजपा उम्मीदवार भरत सिंह से नीरज शेखर हार गए। नीरज शेखर को सपा ने राज्य सभा में भेजा। सपा से रिश्तों में खट्टास तब आई जब 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। सपा ब्राह्मण कार्ड खेलने के लिए सनातन पांडेय को अपना उम्मीदवार बनायी। चुनाव संपन्न होने के बाद नीरज शेखर सपा से विदा ले लिए। राज्य सभा सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया। उसके बाद भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से राज्य सभा सदस्य बनाया हैं।

मुलायम सिंह यादव भी थे चंद्रशेखर की पार्टी के अंग

चंद्रशेखर ने समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) का गठन 1990-91 में किया था। समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव भी उनकी पार्टी के अंग थे। मुलायम सिंह यादव पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह की पार्टी जनता दल से रिश्ता तोड़कर चंद्रशेखर की पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन जल्द ही उनका चंद्रशेखर से भी मोहभंग हो गया। 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया। इसके बाद चंद्रशेखर अकेला हो गए, लेकिन अपनी पार्टी को लेकर चलते रहे। चंद्रशेखर की पार्टी अभी भी जीवित है लेकिन नाम में कुछ परिवर्तन हो चुका है। अब इसे समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर) के नाम पर चलाया जा रहा है। बलिया के ही निवासी अनिल सिंह प्रदेश अध्यक्ष हैं।

बलिया का आठ बार सांसद रहे चंद्रशेखर

चंद्रशेखर 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और जीते। उसके बाद केवल 1984 की इंदिरा गांधी की मौत के बाद देशभर में दौड़ी कांग्रेस की लहर में कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी से हार गए। उसके बाद फिर जीत का क्रम बना रहा। कुल मिलाकर वह आठ बार बलिया से सांसद बने। 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक की बेहद अल्प अवधि में भारत के प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय चंद्रशेखर के नाम देश में एक अनूठा कीर्तिमान दर्ज है।

बलिया विधानसभा सीट

-07 : बलिया में विधान सभा सीट।

-24,68804 : बलिया में कुल मतदाता।

-13,42472 : पुरुष मतदाता।

-11,26244 : महिला मतदाता।

-88 : थर्ड जेंडर मतदाता।

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