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स्‍वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सपा में बगावत, कुशीनगर में लगे 'वापस जाओ' के नारे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कुशीनगर. यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान स्‍वामी प्रसाद मौर्य खासी सुर्खियों में हैं. वह योगी कैबिनेट में मंत्री रहे डॉ. धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान समेत कई भाजपा विधायकों के साथ अखिलेश यादव की ताकत बढ़ाने आए थे, लेकिन समाजवादी पार्टी में उनको लेकर चल रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. 

इस बीच गुरुवार को स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर कुशीनगर की फाजिलनगर विधनसभा सीट को लेकर सियासी पार चढ़ा रहा. यही नहीं, इस दौरान सपा के तमाम नेताओं उनका ना सिर्फ पुतला फूंका बल्कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य वापस जाओ के नारे लगाकर अपनी विरोध दर्ज कराया है. हालांकि फाजिलनगर में कुछ जगह सपा कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधियों ने मौर्य का स्‍वागत भी किया.

यही नहीं, इस दौरान कुशीनगर में एक नहीं बल्कि कई जगह सपा कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंका और मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान बाहरी को भगाओ फाजिलनगर को बचाओ जैसे नारे भी सुनाई दिए. वहीं, सपा अध्यक्ष मनोज यादव ने स्थानीय प्रत्याशी घोषित करने की मांग की है.

जबकि सपा के जिला पंचायत सदस्‍य डॉ. इरफान अहमद ने साथ कहा कि यहां जो लोग दस बीस साल पहले से पार्टी को मजबूत करने के साथ टिकट की दावेदार कर रहे हैं, उनका टिकट कुछ दिन पहले बाहर से आए व्‍यक्ति की वजह से कट गया. अब आप ही बताइए कोई कैसे काम करेगा. अपना जीवन कुर्बान कर दिया. साथ ही कहा कि हम चाहते हैं कि वह अपनी पहले से घोषित सीट से चुनाव लड़ें, वरना यहां सपा को बहुत नुकसान होगा. यही नहीं, सपाई लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य वापस जाओ का नारा लगा रहे हैं और यह विरोध बढ़ता जा रहा है.

इस वजह से फाजिलनगर से चुनाव लड़ रहे मौर्य

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या अब कुशीनगर की फाजिलनगर से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले वह पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले थे. माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह इफेक्ट की वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य को अपनी परंपरागत सीट छोड़नी पड़ी है. ‘पडरौना के राजा’ के नाम से मशहूर आरपीएन सिंह ने जब से भाजपा का दामन थामा है, तब से ही इस पर काफी चर्चा थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी उसी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ेंगे या फिर नई सीट तलाश करेंगे, क्योंकि आरपीएन सिंह के भाजपा ज्वाइन करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए पडरौना की सीट कहीं से भी सेफ नहीं रह गई थी. स्वामी प्रसाद मौर्य के सीट बदलने लेकर यह भी कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य साल 2009 में आरपीएन सिंह से हार का स्वाद चख चुके हैं. यही वजह है कि इस बार वह कोई चांस नहीं लेना चाहते, क्योंकि इस बार आरपीएन सिंह भाजपा की रथ पर सवार हैं. 2009 में आरपीएन सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़े मौर्य को ही हराया था.

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