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आजम खां को अभी जेल में ही रहना होगा, सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में रामपुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खां को अभी भी जेल में रहना होगा। उनको सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि वह इस मामले की सुनवाई करने की इच्छुक ही नहीं है।

आजम खां को अंतरिम जमानत देने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मामले की सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। आजम खां तो इलाहाबाद हाईकोर्ट जाकर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं। कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि हम हाईकोर्ट भी गए थे। हमने तीन बार जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन महीनों से सुनवाई नहीं हुई है। आजम खां के खिलाफ फर्जी केस दर्ज हैं। उन्होंने कुछ भी नहीं किया है, लेकिन करीब दो वर्ष से जेल में हैं। उनके खिलाफ रातों-रात 25 एफआइआर दर्ज की गई हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां समाजवादी पार्टी से रामपुर से सांसद हैं। उनको पार्टी ने रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। समाजवादी पार्टी ने आजम खां के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला को प्रत्याशी बनाया है। अब्दुल्ला ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है जबकि आजम खां ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई है।

रामपुर में फर्जीवाड़े और भूमि पर अवैध कब्जे के आरोपों में आजम खां करीब दो वर्ष से सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खां ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमों में कार्रवाई की रफ्तार काफी मंदी चल रही है। इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया विधान सभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उनको अंतरिम जमानत मिलनी जरूरी है। आजम खां के खिलाफ 87 केस दर्ज हैं। इनमें से 83 में उनको जमानत मिल चुकी है। तीन मामलों में उन्हें जमानत मिलनी है।

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