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सपा ने धनंजय सिंह के प्रचार की जारी की तस्‍वीरें, कानून व्‍यवस्‍था पर उठाया सवाल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को एक पोस्‍ट जारी कर जौनपुर के चर्चित धनंजय सिंह के मल्‍हनी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने का फोटो जारी कर यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। समाजवादी पार्टी की ओर से इंटरनेट मीडिया पर जौनपुर के मल्‍हनी विधानसभा सीट पर धनंजय सिंह के माला पहनकर क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने की तस्‍वीर शेयर करने के साथ ही सरकार के संरक्षण में माफ‍िया के चुनाव प्रचार करने की बात कही है। प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने के साथ ही यूपी पुलिस को भी समाजवादी पार्टी की ओर से कठघरे में खड़ा किया गया है। आरेाप लगाया गया है कि मल्‍हनी विधानसभा क्षेत्र में धनंजय सिंह खुलेआम प्रचार कर रहे हैं और पुलिस कुछ नहीं कर रही है। 

वहीं इंटरनेट मीडिया में शुक्रवार को सपा की ओर से जारी यह तस्‍वीर वायरल होने के बाद यह पोस्‍ट लोगों ने खूब शेयर कर पुलिस प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया है। इस बाबत जौनपुर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी का कहना है कि- ''धनंजय के खिलाफ जौनपुर जिले में कोई मामला नहीं है। उन पर जो भी मामला है वह लखनऊ में है। हालांकि, उस मामले की जांच भी अब एसटीएफ कर रही है। इस संबंध में मुझे कोई आदेश नहीं है।'' इस प्रकार जौनपुर पुलिस भी इस वायरल पोस्‍ट से पल्‍ला झाड़ ले रही है। वहीं इंटरनेट मीडिया पर कानून व्‍यवस्‍था को लेकर इस पोस्‍ट के साथ लोग चर्चा कर रहे हैं। 

दो बार हो चुके हैं निर्वाचित : मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार पूर्व सांसद डा. कृष्ण प्रताप सिंह की राह और कठिन हो गई है। इसकी वजह यह है कि राजग के घटक जनता दल (यू) ने इस सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को टिकट दे दिया है। सूबे में सीटों को लेकर तालमेल न होने पर जदयू नेतृत्व ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगा। वर्ष 1998 में सर्रोई (भदोही) में मुठभेड़ में पुलिसिया दावे में मृत किंतु जिंदा बच निकलकर चर्चा में आने के बाद राजनीति में कदम रखने वाले धनंजय सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा। 

वर्ष 2012 में अस्तित्व में आने से पूर्व यह सीट रारी के नाम से जानी जाती थी। वर्ष 2002 में लोजपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी और वर्ष 2007 में लगातार दूसरी बार जदयू के समर्थन से जीते। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर जौनपुर सीट से सांसद बने। इस्तीफे से रिक्त सीट के उपचुनाव में बसपा के टिकट पर अपने पिता राजदेव सिंह को विधायक निर्वाचित कराया। वर्ष 2012 में जेल में रहते हुए अपनी पत्नी डा. जागृति सिंह को निर्दल मैदान में उतारा। वह दूसरे नंबर पर रहीं। वर्ष 2017 में धनंजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा। धनंजय सिंह एनडीए के घटक निषाद पार्टी या अपना दल से भी टिकट हासिल करने का प्रयास किए, लेकिन बात नहीं बनी।

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