भाजपा पर नहीं गिनाने को काम, याद आ रहे दंगे, जिन्ना और अब्बाजान - प्रमोद तिवारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. गुरुवार को आगरा आए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास गिनाने के लिए कोई काम नहीं हैं। इसलिए उसे दूसरी सरकारों में हुए दंगे, जिन्ना और अब्बाजान याद आ रहे हैं। भाजपा नैतिक रूप से यह स्वीकार कर चुकी है कि वो वर्ष 2022 में सत्ता में नहीं आ रही है। 10 मार्च को उप्र में कांग्रेस का सूर्याेदय और भाजपा का सूर्यास्त होगा। भाजपा 100 सीटें भी नहीं जीत सकेगी। कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाएगी।
प्रमोद तिवारी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र स्थित विजय बैंक्वेट हाल में बने पार्टी प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उप्र का चुनाव कोई आम चुनाव नहीं है, यह देश की एकता और अखंडता को बचाने का चुनाव है। देश को बचाने की जिम्मेदारी जनता की है। निजीकरण पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही है। भाजपा सरकार में सर्वाधिक उत्पीड़न ब्राह्मणों का किया गया है। भाजपा ने किसी प्रदेश में ब्राह्मण को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, जबकि कांग्रेस ने पांच राज्यों में ब्राह्मणों को मुख्यमंत्री बनाया था।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह समय पर इंटरनेशनल फ्लाइट को न रोकना रहा। सरकार तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने में जुटी रही। वो अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली गए। तीनों शहरों में कोरोना की वजह से सर्वाधिक मौतें हुईं। इलेक्ट्रोनिक चैनलों द्वारा सर्वे में कांग्रेस की हार दिखाए जाने पर उन्होंने कहा कि सभी सर्वे गलत साबित होंगे। प्रेसवार्ता में जिलध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू, शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू आदि मौजूद रहे।
निर्मला सीतारमण से मांगा इस्तीफा
प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा उप्र पर की गई टिप्पणी यूपी टाइप को उप्र के लोगों का अपमान बताते हुए इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्मला सीतारमण को बर्खास्त करना चाहिए।
भाजपा ने भगवान श्रीराम के साथ भी किया छल
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा ने भगवान श्रीराम के साथ भी छल किया। भाजपा हर चुनाव में कहती थी कि वो सरकार बनने पर संसद में कानून पास कराकर अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनाएगी, जबकि अन्य दल सर्वसहमित व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कहते थे। भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू कराया। मंदिर अभी तक जमीन पर नजर नहीं आ रहा है। दो करोड़ रुपये की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदकर श्रीराम के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया।