मऊ सदर से सुभासपा उम्मीदवार मुख्तार के करोड़पति बेटे अब्बास हथियारों के हैं शौकीन, दर्ज हैं पांच मुकदमे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. बेटे अब्बास अंसार के लिए आखिरकार मुख्तार ने मऊ सदर का सियासी मैदान छोड़ दिया है। पिता की विरासत को संभालने के लिए उतरे अब्बास सोमवार को नामांकन दाखिल कर चुके हैं। सुभासपा के प्रत्याशी के रूप में सदर विधानसभा में डेरा डाल चुके हैं। अब्बास द्वारा दिए गए शपथ पत्र में शस्त्रों के शौकीन होने सहित करोड़ों के मालिक होने की जानकारी दी है। उन पर पांच मुकदमे भी दर्ज हैं।
पूर्वांचल की चर्चित विधानसभा 356 मऊ सदर पर विधायक मुख्तार अंसारी ने सदर विधानसभा का मैदान बेटे अब्बास अंसारी के लिए छोड़ दिया है। पिता की विरासत संभालने के लिए अब्बास अंसारी सोमवार को नामांकन दाखिल कर दमदारी दिखा चुके हैं। सोमवार को उन्होंने अपना नामांकन सुभासपा से दाखिल किया है।
अब्बास करोड़पति और हथियारों के शौकीन : शपथ पत्र में दिए गए विवरण के अनुसार अब्बास अंसारी के पास कुल आठ करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। इसमें 12.50 लाख के गहने हैं। वह विभिन्न शस्त्रों के शौकीन भी है। इसके साथ ही फोर्ड एंडेवर चार पहिया वाहन भी है। अब्बास पर कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दिल्ली से जारी खिलाड़ी वर्ग के आर्म्स लाइसेंस पर मुकदमा, मां द्वारा बचपन में ली गई जमीन आदि के मुकदमे हैं। इसके साथ ही चार करोड़ की अचल संपत्ति, 3.50 करोड़ के वाणिज्यिक भवन हैं। अब उनके नामांकन दाखिल करने के बाद राजनीति परिदृश्य बदला नजर आ रहा है।
मऊ सदर की सियासी डगर : अब मुख्तार अंसारी के बेटे के अलावा भाजपा से अशोक सिंह, बसपा से भीम राजभर, कांग्रेस से माधवेंद्र सिंह मैदान में है। ऐसे में अब लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। मुख्तार के न लड़ने से ऊंट किस करवट बैठैगा, यह अभी कहना जल्दबाजी होगी। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा से मुख्तार अंसारी ने 356 मऊ सदर विधानसभा से चुनाव लड़ा था तो उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने बसपा से ही घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।
अब्बास पहले भी लड़ चुके हैं चुनाव : बिहार के राज्यपाल फागू चौहान की परंपरागत सीट पर पहली बार मुख्तार घराने ने मजबूत दस्तक दी थी। इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी अब्बास अंसारी 81,295 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। वहीं इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी फागू चौहान को 88,298 वोट पाकर जीत हासिल किए थे। इस बार घोसी विधानसभा सीट पर भाजपा से सपा में आए मंत्री दारासिंह चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मजबूत दस्तक देने व दूसरे नंबर पर रहने वाले अब्बास को इस बार टिकट नहीं मिला है। इधर सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी लगातार पांच जीत दर्ज कर चुके हैं। छठवीं बार सुभासपा के बैनर तले उनके बेटे मैदान में उतर चुके हैं। यह पहला मौका होगा जब मुख्तार अंसारी सदर विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेंगे।