मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी या अब्बास? 22 सदस्यीय टीम बांदा जेल में पूरी करेगी प्रक्रिया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. पूर्वांचल की चर्चित विधानसभा 356 मऊ सदर पर विधायक मुख्तार अंसारी की दावेदारी के लिए कोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह द्वारा सारी प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। जेल मैनुअल के अनुसार ही सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद संभव है कि रविवार को 22 सदस्यीय टीम बांदा जेल के लिए रवाना हो सकती है। इसमें एक फोटोग्राफर भी शामिल होगा। वहां से लौटने के बाद टीम निर्धारित तिथि पर वीसी के माध्यम से आरओ द्वारा नामांकन दाखिल कराया जाएगा। वैसे चर्चा है कि नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्तार अपने बेटे के लिए यह सीट छोड़ भी सकते हैं।
सुभासपा की ओर से मऊ सदर के लिए सपा- सुभासपा गठबंधन की ओर से मुख्तार अंसारी को टिकट दे रही है। हालांकि, चर्चाओं के मुताबित अब्बास अंसारी भी मऊ सदर से सुभासपा की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं। एक सीट पर पिता और पुत्र दोनों को ही सुभासपा की ओर से उतारे जाने की चर्चाओं को शुक्रवार को उस समय बल मिला जब सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी पेश की उसी समय उन्होंंने मऊ सदर को लेकर पिता पुत्र दोनों को ही पार्टी की ओर से टिकट की जानकारी दी थी। इस बाबत असमंजस की स्थिति को देखते हुए दोनों में से किसी एक के अंतिम समय चुनाव मैदान में उतरने की जानकारी देकर अंतिम समय तक के लिए मऊ सदर को लेकर स्थिति उलझा दी है।
पूर्व में ही सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा की ओर से बृजेश को समर्थन देने की बात कहते हुए मुख्तार अंसारी को अपना समर्थन देने की बात कहकर सियासी चर्चाओं को बल दिया था। अब सुभासपा की ओर से मुख्तार अंसारी को टिकट देने के साथ ही अब्बास के भी दावेदारी को सामने रखकर मुख्तार और अब्बास को लेकर रणनीति को अधर में छोड़ने की जानकारी दी गई है। अब पिता - पुत्र की ओर से ही चुनाव लड़ने की स्थिति अंतिम समय पर स्पष्ट की जाएगी। हालांकि, इस बीच मुख्तार द्वारा नामांकन को लेकर 22 सदस्यों की टीम अधिवक्ता संग बांदा जेल जाकर जरूरी कार्रवाई जेल मैनुअल के अनुरूप पूरा करेगी।