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जमानत के बाद भी मुख्तार अंसारी जेल में ही रहेंगे... ADG ने बताया अभी इतने मुकदमे हैं दर्ज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के लिए राहत भरी खबर है. मऊ कोर्ट ने बुधवार को गैंगस्टर एक्ट के एक केस में अंसारी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. रिहाई का आदेश बांदा जेल के अधीक्षक के पास भेजा जाएगा, लेकिन अन्य लंबित मुकदमों में उनकी टेंशन अभी बरकार ही रहेगी. ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्तार पर कई मुकदमे हैं, इसलिए उन्हें जेल में ही रहना होगा.

ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि मऊ के दक्षिण टोला में गवाह और गनर की हत्या के मामले में मुख़्तार अंसारी को जमानत मिली है, लेकिन अभी उनपर कई मुकदमे दर्ज हैं. मुख़्तार अभी जेल से रिहा नहीं होंगे, कोर्ट के आदेश का आंकलन करने के बाद जमानत को चुनौती दी जाएगी. साथ ही अन्य मामलों में मजबूत पैरवी कराते हुए सजा सुनिश्चित कराई जाएगी.

जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी को साल 2010 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज केस में एमपी एमएलए कोर्ट ने एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी है. मऊ के पुलिस अधीक्षक सुशील धुले का कहना है कि मुख्तार अंसारी आईएस 191 गैंग का लीडर है और इसके ऊपर अभी भी एक दर्जन के लगभग मामले दर्ज हैं. जिसमें सभी मामलों में सुनवाई चल रही है, लिहाजा किसी भी हालत में विधायक के जेल से छूटने की गुंजाइश नहीं है.

मुख्तार अंसारी को एक लाख के व्यक्तिगत मुचलका पर रिहा करने का आदेश

दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के गैंगेस्टर एक्ट के मामले में निरूद्ध विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को बांदा जेल से हुई. मुख्तार अंसारी ने विशेष न्यायाधीश से धारा 436 ए सीआरपीसी का लाभ देते हुए रिहा करने का अनुरोध किया. इस दौरान मुख्तार अंसारी को

गैंगेस्टर एक्ट के मामले मे रिहा करने की अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने जेल अधीक्षक बांदा से आख्या तलब किया था. जिसपर जेल अधीक्षक ने अपनी आख्या कोर्ट में भेजाकर जानकारी दी कि मुख्तार अंसारी अपराध संख्या 891 सन 2010 एसटी नंबर 2/12 में 09 सितंबर 2011 से अब तक न्यायिक अभिरक्षा में है. मुख्तार अंसारी के प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए ने मुख्तार अंसारी को रिहा करने की अर्जी को स्वीकार कर लिया. तथा मुख्तार अंसारी को एक लाख रूपये के व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ रिहाई परवाना अभिलंब बांदा जेल भेजे जाने का आदेश दिया.

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