दारोगा ने कोतवाली में लगाई फांसी, साथी दारोगा के कमरों को बाहर से कर दिया था बंद
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बाराबंकी. फतेहपुर कोतवाली में तैनात एक उपनिरीक्षक ने शुक्रवार रात बरामदे में फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले 2012 बैच के दारोगा वेद प्रकाश यादव का परिवार लखनऊ के अइमामऊ में रहता है। जान देने की वजह मानसिक बीमारी और पारिवारिक कलह बताई जा रही है। आजमगढ़ के कंधरा थाना के ग्राम पुलभुरपुर में रहने वाले वेद प्रकाश यादव 1997 बैच के सिपाही और पदोन्नति पाकर 2012 में उपनिरीक्षक बने थे। बताया जा रहा है कि वेद प्रकाश ने साथी दारोगा के कमरों को बाहर से बंद कर दिया था।
कोतवाली नगर, जैदपुर और असंदरा सहित कई थानों में तैनात रहे वेद प्रकाश सितंबर 2021 से फतेहपुर कोतवाली में तैनात थे और हल्का चार के प्रभारी थे। वह कोतवाली परिसर में बने सरकारी आवास के एक कमरे में रहते थे। शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे उनका शव उनके कमरे के बाहर बरामदे में कपड़ा फैलाने वाली रस्सी से लटकता मिला। प्रकरण की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। पुलिस ने जांच के लिए दारोगा का मोबाइल कब्जे में लिया है। करीब सवा दस बजे उनकी पत्नी चंद्रा यादव, पुत्री ओजस्वी (15), अनुज्ञा (10) व पुत्र अभिज्ञ (आठ) के साथ पहुंचीं।
ऐसे हुई जानकारी : वेद प्रकाश यादव के कमरे के बगल में दारोगा राम निरंजन और दूसरे कमरों में अन्य दारोगा रहते थे। राम निरंजन सुबह करीब सवा छह बजे जगे तो उनका कमरा बाहर से बंद था। सबसे पहले उन्होंने वेद प्रकाश को ही फोन किया, लेकिन काल रिसीव नहीं हुई तो कार्यालय में फोन किया। इसके बाद चौकीदार संजय पहुंचा तो मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था। संजय दीवार फांदकर अंदर गया तो मामले की जानकारी हुई।
यह बताया जा रहा कारण : साथी पुलिसकर्मियों ने बताया कि उनका लखनऊ के मनोचिकित्सक पीके दलाल से उपचार चल रहा था। वह अवसादग्रस्त रहते थे। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पता चला है कि वेद प्रकाश का किसी मकान को लेकर पत्नी से कुछ विवाद होने की जानकारी हुई है। इसके बारे में कुछ दिन पहले उन्होंने साथी पुलिसकर्मियों से इसकी चर्चा भी की थी।