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एक्सप्रेस ट्रेनों से पुराने इंजन व नए लोको पायलटों की छुट्टी - Indian Railway News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पूर्वोत्तर रेलवे के मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से पुराने इंजन व नए लोको पायलटों की छुट्टी कर दी गई है। अब गोंडा लोको शेड से निकलने वाले परंपरागत डब्लूएपी वन नंबर के पुराने इंजन मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नहीं लगेंगे। यह इंजन जोन स्तर पर चलने वाली लोकल पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) में ही लगेंगे। मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों से सहायक लोको पायलटों (एएलपी) को भी मुक्त कर दिया गया है। वे भी सिर्फ मालगाड़ी लेकर ही चलेंगे। सीनियर लोको पायलट ही मेल और एक्सप्रेस ट्रेन चलाएंगे।

पूर्वोत्तर रेलवे की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नहीं लगेंगे परंपरागत पुराने डब्लूएपी वन इंजन

20 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले परंपरागत कोचों से नाता तोड़ने के बाद रेलवे प्रशासन ने पुराने इंजनों को भी बाय-बाय करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रथम चरण में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों से सबसे पुराने इलेक्ट्रिक इंजन हटाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में आधुनिक इंजन ही ट्रेनों को लेकर फर्राटा भरेंगे। वर्तमान में पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर डब्लूएपी वन से सेवन तक के इंजन ट्रेनों को लेकर चल रहे हैं। 

पिछले माह जलपाईगुड़ी और मथुरा-कासगंज रेलखंड पर लगातार दुर्घटनाओं ने रेलवे प्रशासन को बैकफुट पर खड़ा कर दिया। जलपाईगुड़ी के पास हुई रेल दुर्घटना में शामिल इंजन गोंडा लोको शेड का ही था। उसके मरम्मत का समय भी पूरा हो चुका था। मामला प्रकाश में आने के बाद रेलवे प्रशासन ने रेल लाइन ही नहीं इंजनों को भी लेकर विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी। ट्रेन रवाना होने से पहले इंजन की पूरी जांच अनिवार्य कर दिया है।

कड़ी जांच के बाद रवाना होगी ट्रेन

दिन हो या रात, ऊपर और नीचे इंजन की पूरी गहनता के साथ जांच के बाद संतुष्ट होने पर ही लोको पायलट ट्रेन को लेकर रवाना हो रहे हैं। अगर ट्रेन रास्ते में रुकती है तो वे उतरकर इंजन की जांच करेंगे। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने टार्च सहित सभी आवश्यक उपकरण साथ लेकर चलने के लिए भी निर्देशित किया है। रेलवे प्रशासन सहायक लोको पायलटों को लेकर भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। ऐसे में लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की जिम्मेदारी भी सीनियरों के कंधों पर डाल दिया है। ताकि, दुर्घटना की कोई गुंजाइश न बचे।

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