किसी ने रोकी रेल तो फिर सीधे होगी जेल, आजीवन कारावास तक की सजा का प्राविधान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. रेलवे को क्षति पहुंचाने वालों को अब भरपाई भी करनी होगी। किसी ने रेल रोकी तो सीधे जेल होगी। जेल या फिर आजीवन कारावास की सजा काटनी होगी। रेल परिचालन पर दिक्कत नहीं होगी। सतर्कता बढ़ा दी गई है। रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं है। यात्रियों को संकट में डालने पर सीधे आजीवन कारावास की सजा होगी। अब पटरियों के नट बोल्ट की जांच शुरु कर दी गई है। जीआरपी व आरपीएफ सख्ती बरतने के मूड में है। उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलने के बाद जवान और सक्रिय हो गए हैं।
अपनी मांगों को लेकर हंगामा करने वाले लोग अक्सर रेल परिचालन में व्यवधान उत्पन्न करने पहुंच जाते हैं। हालांकि उस समय सुरक्षा एजेंसियां सख्ती बरतती है लेकिन आंदोलनकारियों सीधे रेलवे को ही क्षति पहुंचाने में लगे रहते हैं। उपद्रवी तत्व ट्रेनों के कोचों पर पथराव कर देते हैं, जिससे यात्रियों की जिंदगी खतर में पड़ जाती है। रेलवे ट्रैक के स्लीपर हाटकर और नट बोल्ट खोलकर ट्रेनों को बेपटरी करने से पूरे यात्रियों पर आफत आ जाती है। हालांकि आरपीएफ रेल संपत्ति की रक्षा के लिए जी जान से लगी रहती है। जंक्शन पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने पर सीधे भी कार्रवाई का चाबुक चलता है। सुरक्षा एजेंसियां हर गतिविधियों पर नजर बनाए है।
ये लगती हैं धाराएं : रेलवे प्रतिबंधित क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश करने पर 147 रेलवे अधिनियम में कार्रवाई होती है। इसमें छह माह की सजा या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। रेलवे यातायात को प्रभावित करने, रेल पटरी पर धरना देने, रेल के पटरियों पर पत्थर व लोहा रखने, दो कोचों (होजपाईप) को अलग करने, सिग्नल प्रणाली से छेड़छाड़ करने पर रेलवे अधिनियम की धारा 174 में दो वर्ष की सजा या दो हजार जुर्माना या फिर दोनों होता है।
पैसेंजर को जानबूझकर खतरे में डालने, रेल पटरी पर पत्थर रखने, पटरी के बीच के स्लीपर हटा देने, पटरी के नट बोल्ट को ढ़ीला कर देने पर धारा 153 में पांच साल की सजा होती है। वहीं इन्हीं मामलों में जीआरपी धारा 150 में कारवाही की जाती है। जिसमे आजीवन कारावास से लेकर 10 साल तक कठोर कारावास तक होता है। जिसमें जीआरपी द्वारा कारवाही की जाती है। लापरवाहीपूर्वक रेल यात्रियों के जान को संकट में डालने पर 152 में आजीवन कारावास की होती है। इसमें भी जीआरपी कार्रवाई करती है।
बोले अधिकारी : अगर कोई रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, रेल परिचालन में व्यवधान उत्पन्न करने वालों और यात्रियों की जिंदगी खतरे में डालने वालों पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। - आशीष मिश्रा, आरपीएफ कमांडेंट, पीडीडीयू मंडल।