तीस वर्ष पूर्व अवधेश राय हत्याकांड मामले में सुनवाई आज, मुख्तार अंसारी है आरोपित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. लगभग तीस वर्ष पूर्व लहुराबीर क्षेत्र में हुए चर्चित अवधेश राय हत्याकांड के लंबित मामले में बुधवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत में सुनवाई होनी है। इस मामले में आरोपित मुख्तार अंसारी द्वारा वकालतनामा प्रस्तुत किया जाना है। बीते तिथियों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने उक्त मुकदमे में अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए वकालतनामा दाखिल करने की अदालत से इजाजत मांगी थी। साथ ही अदालत को यह भी बताया था कि बांदा जेल में उसे किसी भी परिजन अथवा व्यक्ति से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
किसी परिजन से मिलने के पश्चात् ही वह अपना वकालतनामा अदालत में प्रस्तुत कर सकते हैं। इस पर अदालत ने 21 जनवरी को मुख्तार अंसारी की अपील को मंजूर करते हुए बांदा जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि मुख्तार अंसारी को किसी एक परिजन अथवा अधिवक्ता से मिलने की अनुमति प्रदान करना सुनिश्चित करें ताकि मुख्तार अंसारी का वकालतनामा प्रस्तुत हो सके। अदालत ने फैक्स व मेल के जरिए उक्त आदेश की प्रति बांदा जिला जेल के अधीक्षक को भेजने का चेतगंज थाना प्रभारी निरीक्षक को निर्देश भी दिया था। अदालत ने वकालतनामा प्रस्तुत करने एवं मुकदमे में सुनवाई के लिए दो फरवरी की तिथि निर्धारित की थी।
बता दें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र में स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी,पूर्व विधायक अब्दुल कलाम समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अजय राय की अदालत मे गवाही की कार्रवाई चल रही थी इसी बीच इलाहाबाद स्थित विशेष न्यायालय में मुकदमा स्थानांतरित हो गया। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर उक्त मुकदमे की सुनवाई पुनः स्थानीय विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत में आरंभ हुई है।
अदालत में अजय राय की ओर से इस आशय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है कि उपरोक्त मुकदमे की दो पत्रावली अभी भी इलाहाबाद के अपर जिला जज की अदालत में चल रहे मुकदमों में लंबित है। मूल पत्रावली में उनके बयान समेत कई अहम दस्तावेज संलग्न है। मूल पत्रावली को इलाहाबाद से स्थानीय अदालत में स्थानांतरित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया है। इस याचिका पर निर्णय होना है। मूल पत्रावली के प्रस्तुत होने तक उनका एवं अन्य गवाहों का बयान न दर्ज किया जाए। अजय राय के इस प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई होनी है।