गंगा घाट पर साइबेरिया से आए मेहमान कर रहे कलरव - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. साइबेरिया से आए मेहमानों से गंगा नदी गुलजार है। गंगा तट पर उनका कलरव गूंज रहा है। उनको नदी में अटखेलियां करते देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। लोग अपने साथ लाई आदि लाते हैं और साइब्रेयिन क्रेन के झुंड पास बुला लेते हैं।
साइबेरिया में सर्दियों में तापमान काफी नीचे चला जाता है और बर्फ जम जाती है। ऐसे में वहां के पक्षी भारत की ओर उड़ान भरते हैं। ये मेहमान पक्षी तीन महीने तक यहां गंगा घाटों पर प्रवास करते हैं और गर्मियां शुरू होते ही अपने देश लौट आते हैं। सुबह होते ही घाटों पर उन्हें देखने के लिए लोग पहुंचने लगते हैं। पक्षियों का कलरव भी शुरू हो जाता है।
साइबेरियाई क्रेन की 15 क्रेन प्रजातियां हैं। नवंबर माह शुरू होते इनका आगमन शुरू हो जाता है। पूर्वांचल की मिट्टी की सोंधी महक इन पक्षियों को कुछ ज्यादा ही भाती है। इनके प्रजनन का समय वर्षा ऋतु है लेकिन तब वे यहां नहीं होते। वर्षा और बदल छाने पर इन्हें नृत्य करते देखा जा सकता है। साहित्यकार रामजी सिंह बताते हैं की नृत्य के आरंभ होने से पहले यह पक्षी अपनी चोंच आसमान की ओर करके सुरीली आवाज निकालते हैं।
प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया तक इन पक्षियों को देखा जा सकता है। नदियों का कछार इनका घर है। महीनों की लंबी यात्रा पूरी कर यहां पहुंच कर मेहमान पक्षी घाटों का नजारा बदल देते हैं। इन पक्षियों के स्वागत में लोग नमकीन दालमोठ एवं अन्य वस्तुओं को इन्हें घाटों पर खिलाते हैं। घाटों पर नौका विहार करते हैं और इनकी चो- चो चू -चू तथा एक साथ आसमान में बेहतर आकृति के साथ आसमान में उड़ने की खूबसूरती को बड़े धैर्य से निहारते हैं।