गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से भूजल हो रहा दूषित, 50 फीट गहरे कुएं में 40 फीट तक भर दिया कचरा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. निजी चिकित्सालयों को बायो मेडिकल वेस्ट के सही निस्तारण का प्रमाण पत्र बांटने वाला स्वास्थ्य महकमा ही जब मेडिकल वेस्ट निस्तारण में फेल हो। तो उसे क्या कहा जाए। ऐसा ही नजारा गाजीपुर जिले के सैदपुर नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रकाश में आया है। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी बायो मेडिकल वेस्ट को वर्षों से परिसर स्थित कुएं में को फेंका और जलाया जा रहा है। जिससे 50 फीट गहरा कुआं बायो मेडिकल वेस्ट से पटते-पटते अब मात्र 10 फीट की गहराई पर आ गया है। इस कुएं के 40 फीट गहरे हिस्से को सिर्फ बायो मेडिकल वेस्ट से पाट दिया गया है।
नगर के सरकारी और निजी चिकित्सालय में से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को चिकित्सालय द्वारा कुएं में फेंकने आम कूड़े के ढेर में फेंकने या खुली जगहों पर फेंकने से पर्यावरण और भूगर्भ जल दूषित हो रहा है। कुएं में फेंके गए बायो मेडिकल वेस्ट में व्याप्त दवाओं के केमिकल धीरे-धीरे भूजल में मिलते जा रहे हैं। इसी प्रकार निजी चिकित्सालयों के बाहर प्रतिदिन फेंके जा रहे कूड़े कचरे से प्लास्टिक इकट्ठा करने के चक्कर में कचरा बीनने वाले दर्जनों बच्चों और आवारा जानवरों को भी इस खतरनाक रोगाणु और विषाणु युक्त कचरे के संपर्क में आना पड़ रहा है।
वेस्ट के संपर्क में आ रहे बच्चे और जानवर
जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष सरकारी और निजी चिकित्सालयों के बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण हेतु जांच कर, उनको एनओसी जारी की जाती है। जिसके अंतर्गत सभी चिकित्सालयों को बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारित करने वाली एजेंसी से एग्रीमेंट कर, स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेनी पड़ीं है। लेकिन इसके निस्तारण का ठेका लेने वाली एजेन्सी पैसे लेकर, सिर्फ कागज पर ही बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करती आ रही है।
मामले में सामुदायिक स्वास्थ्यय केंद्र के अधीक्षक डॉ संजीव सिंह ने बताया कि जनपद की मेडिकल वेस्ट एजेंसी सप्ताह में दो से तीन बार सभी चिकित्सालयों से बायो मेडिकल वेस्ट ले जाती है। चिकित्सालय स्थित कुएं में मेडिकल वेस्ट फेंके जाने की जांच कराई जाएगी और लापरवाही बरतने वालों को चिन्हित किया जाएगा।