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गाजीपुर में एमबीबीएस छात्रों के रिसर्च के काम आएंगे लावारिस शव - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. लोगों द्वारा उपेक्षित हो रहे लावारिस शव राजकीय मेडिकल कालेज के एमबीबीएस छात्रों के रिसर्च के काम आएंगे। कालेज के छात्रों को रिसर्च के लिए फिलहाल 10 शव चाहिए। इसके लिए कालेज प्रशासन ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से पत्राचार किया है। जिला प्रशासन ने इसकी स्वीकृति देते हुए शव उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया है। शव के लिए मेडिकल कालेज की टीम कई बार पोस्टमार्टम हाउस का दौरा कर चुकी है। शीघ्र ही कालेज को एक-एक कर 10 शव उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

मेडिकल कालेज में एनाटामी, फीजियोलाजी व बायोकेमेस्ट्री की पढ़ाई शुरू हो गई है। अब कुल 84 छात्रों ने प्रवेश ले लिया है। एनाटामी विभाग में मानव के शरीर की संरचना, हड्डी, नस व मांस पेशियों के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके लिए मानव शव की आवश्यकता पड़ती है। एनाटामी विभाग में शवों को रखने का इंतजाम भी कर लिया गया है, लेकिन अभी शवों की कोई व्यवस्था नहीं हो सका है। इसके लिए मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. आनंद मिश्रा ने जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह को पत्र लिख कर कानूनी प्रक्रिया के तहत लावारिस मानव शवों की मांग की है। इसकी स्वीकृति जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की ओर से मिल चुकी है और शव उपलब्ध कराने का आश्वासन भी।

एक वर्ष तक प्री-रिजर्व रहेंगे शव प्रधानाचार्य ने बताया कि जिला प्रशासन से प्राप्त शवों को मेडिकल कालेज में एक वर्ष तक प्री-रिजर्व रखा जाएगा। इसकी पूरी व्यवस्था कर ली गई है। समय-समय पर उन शवों के माध्यम से छात्रों का पढ़ाया जाएगा। एक वर्ष के बाद शवों को दफन कर दिया जाएगा। फिर नए 10 शवों को लाया जाएगा। कुछ दिन बाद खोदकर दफन किए गए शवों की हड्डियों का ढांचा निकाल लिया जाएगा। इसके बाद फिर से वह हड्डियां छात्रों के पढ़ने व रिसर्च करने के काम आएंगी। अंत में उनका ससम्मान अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहेगी।

जिला प्रशासन से 10 शवों की मांग की गई है, ताकि छात्रों को मानव शरीर के बारे में पढ़ाया जा सके। मेडिकल कालेज में प्रति वर्ष 10 शवों की आवश्यकता होती है। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।- डा. आनंद मिश्रा, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज।

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