पूर्व विधायक अजय राय को नहीं मिली जमानत, CM और PM पर अमर्यादित टिप्पणी का मामला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. निर्वाचन आयोग से बिना इजाजत लिए जनसभा करने एवं इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अमर्यादित भाषा बोलने को लेकर दर्ज मामले में अदालत ने पूर्व विधायक अजय राय को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
गुरुवार को अजय राय की ओर से अंतरिम जमानत के लिए विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत में याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान अंतरिम जमानत का विरोध एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने किया। अदालत ने अजय राय के अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि निर्धारित करते हुए उक्त मामले से जुड़ी केस डायरी, आख्या,आपराधिक इतिहास एवं अन्य दस्तावेज न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है।
इस मामले में अभियोजन पक्ष का आरोप था कि फूलपुर पुलिस ने 31 जनवरी 2022 को अजय राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था कि आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अजय राय ने बिना इजाजत राजित तारा गांव में जनसभा किया था। जनसभा में उन्होंने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के विरुद्ध अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया था। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के विरुद्ध ऐसे अमर्यादित भाषा से शांति भंग उत्प्रेरित करने का कारक हो सकता है। उक्त प्रकरण की जांच की गई तत्पश्चात मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं बचाव पक्ष की दलील थी कि वर्तमान सरकार अजय राय के प्रति राजनैतिक विद्वेष एवं ईर्ष्या की भावना रखती है। शासन-प्रशासन पर नाजायज दबाव बनाकर गलत तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। अजय राय द्वारा उक्त तिथि को कोई जनसभा नहीं किया गया था। अभियोजन पक्ष द्वारा लगाया गया आरोप असत्य और निराधार है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के विरुद्ध उनके द्वारा कोई अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं किया गया है।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात् अपने आदेश में कहा कि संपूर्ण तथ्यों,परिस्थितियों एवं संपूर्ण विवेचना के दृष्टिगत न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि अजय राय को अंतरिम जमानत प्रदान किया जाना न्यायसंगत नहीं है।